सपा: सिबगतुल्लाह के आने से हममजहबी नेता मायूस पर जिला नेतृत्व खुश

गाजीपुर। पूर्व विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी की सालों बाद पार्टी में वापसी से जहां गाजीपुर के हममजहबी नेता मायूस हैं वहीं शीर्ष नेतृत्व सहित जिला नेतृत्व भी बेहद खुश है।
जिला नेतृत्व ने लोहिया भवन में छह सितंबर को सिबगतुल्लाह अंसारी के स्वागत की तैयारी शुरू कर दी है। जहां तक गाजीपुर के हममजहबी नेताओं की मायूसी की बात है तो उन्हें मलाल है कि सिबगतुल्लाह की वापसी के बाद अब उनको पार्टी में मुस्लिम नेता की हैसियत से उतनी अहमियत नहीं मिलेगी, जितनी कि उनकी नामौजूदगी में मिलने की उम्मीद थी।
उधर विधानसभा चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी में जुटे नेता भी सिबगतुल्लाह अंसारी के साथ आने से कम उत्साहित नहीं हैं। बल्कि माना यही जा रहा है कि इन्हीं नेताओं के मशविरे पर जिला नेतृत्व ने सिबगतुल्लाह के जोरदार स्वागत का कार्यक्रम बनाया है।
पार्टी की शनिवार को लोहिया भवन में हुई मासिक बैठक में सिबगतुल्लाह अंसारी के लिए प्रस्तावित स्वागत समारोह की तैयारियों पर तफसील से चर्चा की गई। बैठक में 13 सितंबर को लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय महासचिव राघवेंद्र यादव, 17 सितंबर को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज, 18 सितंबर को एमएलसी रामसुंदर दास, 19 सितंबर को पूर्व राज्य मंत्री रामकिशोर बिंद और वरिष्ठ नेता मिठाई लाल भारती के 26 सितंबर से प्रस्तावित दो दिवसीय कार्यक्रम को सफल बनाने के रणनीति पर चर्चा हुई।
बैठक में जिलाध्यक्ष रामधारी यादव अपने पूरे तेवर में थे। उन्होंने गैर जिम्मेदार सहयोगी पदाधिकारियों को चेताते हुए कहा कि वह नहीं सुधरे तो उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। इस मौके पर मौजूद पूर्व सांसद जगदीश कुशवाहा ने केंद्र सरकार पर सीधा हमला करते हुए कहा कि जिन सरकारी संस्थानों में नौकरियों के अवसर थे, उन्हें यह सरकार निजी हाथों में बेच रही है। कई कल-कारखानों के सौदे मामूली कीमत पर हो रहे हैं। जाहिर है कि इस सरकार को गरीबों की नहीं बल्कि पूंजी पतियों की फिक्र है। इसको लेकर आरक्षण के मामले में सरकार की नीयत भी खुद-ब-खुद संदिग्ध हो गई है। उन्होंने दावा किया कि अगले साल विधानसभा चुनाव में सपा की शानदार जीत तय है। इससे भाजपा में बौखलाहट है।
बैठक में पूर्व विधायक विजय कुमार, सुधीर यादव, विजय यादव, अरुण कुमार श्रीवास्तव, ओमप्रकाश यादव, राजेंद्र यादव, तहसीन अहमद, भानु यादव, गोपाल यादव, कमलेश यादव, अनिल यादव, हरिनारायण यादव, जैहिंद यादव, आमिर अली, अशोक बिंद, अहमर जमाल, रामवचन यादव, विश्राम यादव, परशुराम बिंद, संजय कनौजिया, हरेंद्र विश्वकर्मा, उमाशंकर यादव, रामदरश यादव, मुन्नीलाल राजभर, रानू मिश्र, आदित्य यादव, चंद्रेश्वर यादव पप्पू, राजेश गोंड, विजय शंकर चौरसिया, आलोक कुमार, अमित ठाकुर, सूरज राम बागी, सुदामा राम, रिशु यादव, संदीप यादवेंद्र, बृजकिशोर यादव, सुशीला गोंड, पारस यादव, ग्यासुद्दीन अहमद, अशोक यादव, रजनीकांत यादव आदि थे। संचालन कन्हैया लाल विश्वकर्मा ने किया।