सपा: जनबल में ओमप्रकाश सब पर भारी

गाजीपुर। समाजवादी पार्टी का तहसील मुख्यालयों पर गुरुवार को हुए प्रदर्शन को पार्टी नेताओं के जनबल का पैरामीटर माना जाए तो पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह सब पर भारी हैं जबकि मुहम्मदाबाद के नेता सबसे फिसड्डी हैं।
पंचायत चुनाव में कथित बेईमानी और योगी सरकार की कार्यशैली, नीतियों के विरुद्ध सपा का बहुप्रचारित प्रदेशव्यापी इस प्रदर्शन को लेकर प्रशासन तक पहुंची खुफिया रपट के मुताबिक संख्याबल के हिसाब से जमानियां विधानसभा क्षेत्र के दोनों तहसील मुख्यालय जमानियां तथा सेवराई सबसे आगे रहा। जाहिर है कि इन दोनों तहसील मुख्यालयों पर प्रदर्शन का प्रबंधन पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह का था। इधर जिला मुख्यालय पर ‘शामिल बाजा’ था। जिला नेतृत्व समूह, वरिष्ठ नेताओं सहित सदर तथा जंगीपुर विधानसभा क्षेत्र के नेता, कार्यकर्ता शामिल थे। लिहाजा संख्या बल में यह दूसरे पायदान पर रहा। उसके बाद सैदपुर, जखनियां तथा कासिमाबाद तहसील मुख्यालय रहे। हर जगह प्रदर्शनकारियों की संख्या कमोबेश बराबर ही आंकी गई जबकि खुफिया रपट के मुताबिक मुहम्मदाबाद में प्रदर्शनकारियों की संख्या तीन अंकों तक भी नहीं पहुंच पाई थी। अन्य तहसील मुख्यालयों पर प्रदर्शनकारियों का राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन एसडीएम लिए जबकि मुहम्मदाबाद तथा जमानियां में यह काम तहसीलदार के हाथों हुआ। ज्ञापन में खनिज और खाद्य तेल के दामों में लगातार हो रही बढ़ोतरी रोकने, कृषि कानून वापस लेने, किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य देने, किसानों का गन्ना बकाया भुगतान करने, बेरोजगारों को रोजगार देने, महिलाओं पर हो रहे अपराध को रोकने, पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खां साहब और उनके परिजनों व पार्टी के अन्य नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न बंद करने, पत्रकारों पर हमले और हो रही उनकी हत्यारों पर रोक लगाने, दलितों एवं अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बंद करने, पिछड़े वर्ग के आरक्षण में कटौती बंद करने आदि की मांग प्रमुख थी।
…और राधेमोहन अपनों को भी किए आगाह
जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन में शामिल पूर्व सांसद राधेमोहन सिंह अपनी लंबी तकरीर में पंचायत चुनाव में योगी सरकार पर सरासर बेईमानी का आरोप लगाते हुए इशारों-इशारों में खुद की पार्टी के जिला नेतृत्व को भी सवालों में घेरे। कहे कि कोरोना के प्रचंड वेग में मौत के मंजर के बीच पंचायत चुनाव कराने के पीछे सरकार की मंशा यही थी कि बेईमानी का मौका मिलेगा और समाजवादी हार जाएंगे। सरकार का मंशा पूरी हुई लेकिन सवाल यह कि तब हम समाजवादी क्या करते रहे। हम उसकी तोड़ की रणनीति क्यों नहीं बनाए। बेईमानी के विरुद्ध एकजुट होकर आवाज क्यों नहीं उठाए। फिर आगाह करते हुए कहे कि पार्टी में अगर ऐसा ही सब रहा तो 2022 में पार्टी की सरकार बनाने का ख्वाब भी टूट जाएगा। अभी वक्त है। हम सब चेत जाएं। पंचायत चुनाव से सबक लें। जिला पंचायत चेयरमैन चुनाव में पार्टी उम्मीदवार रहीं कुसुमलता यादव के पति मुकेश यादव की प्रदर्शन में नामौजूदगी पर भी पूर्व सांसद कटाक्ष करने से नहीं चूके। प्रदर्शन में विधायक डॉ.बीरेंद्र यादव, पूर्व एमएलसी विजय यादव, सुदर्शन यादव, राजेश कुशवाहा, डॉ. नन्हकू यादव, जै किशन साहू, मुन्नन यादव, सुधीर यादव, पूर्व प्रमुख विजय यादव, विधानसभा अध्यक्ष तहसीन अहमद, राजेंद्र यादव, सदानंद यादव, आत्मा यादव, अरुण कुमार श्रीवास्तव, कन्हैयालाल विश्वकर्मा, रामवचन यादव, अहमर जमाल, रामयश यादव, अतीक अहमद, सत्या यादव, विवेक सिंह शम्मी, अरविंद यादव, बजरंगी यादव, राजेश यादव, अमित ठाकुर, अमित सिंह लालू, सीमा यादव, बलिराम यादव, दारा यादव, आलोक कुमार, विनोद पाल,नरेंद्र कुमार यादव, शैलेश यादव, चंद्रश्वर यादव पप्पू, अजय कुमार श्रीवास्तव, ओमप्रकाश सिंह, शिवपूजन यादव, दिनेश यादव, आमिर अली, चंद्रिका यादव, नन्हें, राकेश यादव, पंकज यादव, गोपाल जी श्रीवास्तव, देवेंद्र यादव, सुखपाल यादव, तारिक सिद्दकी, अभिनव सिंह आदि थे। अध्यक्षता जिलाध्यक्ष रामधारी यादव तथा संचालन जिला महासचिव अशोक कुमार बिंद ने किया।