वोट की मंडी में लुटे एक आढ़तिया की दर्द भरी कहानी

…और लगे हाथ वोट की मंडी भी उठ चुकी हैं। अब मंडी खासकर जिले वाली मंडी में चले भाव-दाम, बर-बयाना की चर्चा ज्यादा ही शुरू है। उस मंडी में जिस आढ़तिये का खाता एक़जाई हुआ, उसकी तो जय-जय हो रही है मगर दूसरे आढ़तिये ! वह अपने बर-बयाने की वसूली चाहते हैं। वैसे साइकिल वाले आढ़तिया ज्यादा टेंशन में नहीं दिख रहे। वह बयाना उतना ही दिये थे, जितना कि उनके गल्ले में था। उतने में लहा होता तो आज उनकी वाह-वाह होती और नहीं लहा तो उनका ले क्या गया। उतनी ही लागत में ढेर सारा नाम-पहचान तो उन्हें दे गया न। उसके पहले इन्हें जवार के लोग भी नहीं जानते-पहचानते थे। बाकिर अब जिला क्या राजधानी तक में लोग इनको जान-पहचान गए हैं। शायद इसी बात से वह संतोष कर लिए हैं और अपनी परंपरागत मंडी में लौट भी गए हैं।
…एक अन्य आढ़तिया तो बेचारे खुद को लुटा महसूस कर रहे हैं। कमल के फूल वाले घर के यह नए बासिंदे हैं। अपनी रणनीति के तहत मंडी में उतरने से पहले ही सौदेबाजी शुरू कर दिए थे। इसके लिए अपने पहले वाले साइकिल घर में संभावनाएं तलाशने में पूरा जोर लगा दिए थे। बयाना बांटने लगे थे। उसीक्रम में वह साइकिल वाले एक बाबा को भी बयाना दिए थे। चतुर बाबा कहीं जमीन का बैनामा कराने के नाम पर उनसे और कुछ रकम झिटक लिए थे। फिर बाबा ऐन मौके पर साइकिल से उतर कर कमल के फूल वाले घर में मय परिवार घूस गए थे।
इधर आढ़तिया अपने अभियान में साइकिल वाले एक ओहदेदार और बिरादरी के स्वंयभू चौधुर के दरबार में अपनी पुरानी जान-पहचान से पहुंच गए थे। आखिर वह चौधुर बिचौलिया की हैसियत में आकर उनसे मौजूदा भाव में सौदा किए थे। तीन नग की पूरी कीमत अपने यहां जमा भी करा लिए थे।
…अफसोस कि इतना सब कुछ करने-धरने के बाद भी कमल के फूल वाले घर के ऊपरी मालिकारों को बेचारे यह नए आढ़तिया नहीं जंचे। मंडी का गेट पास किसी और को पकड़ा दिए। सहूलियत यही दिलवाए कि जिस सौदे का वह बयाना दिए हैं उनकी शिफ्टिंग के बाद वह बयाना गेट पास धारक लौटाएगा। कुछ बयाना लौटा। कुछ नहीं लौटा। अब वह आढ़तिया वसूली में लगे हैं। सबसे ज्यादा साइकिल वाले घर के उस स्वंयभू चौधुर से आहत हैं, जो डकार ही नहीं ले रहे हैं। खबर है कि आढ़तिया राजधानी पहुंच कर साइकिल वाले घर के मुखिया के सामने मय सबूत इस मामले को पेश करने की सोच रहे हैं।…मुखिया इस लुटे-पिटे आढ़तिया की अर्जी पर क्या एक्शन लेंगे यह तो आगे पता चलेगा लेकिन चौधुर अपने घरवालों के बीच एकदम बसा चुके हैं।