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कलेक्ट्रेट बार: निर्विरोध चुनाव को नकारे, वोटिंग में हारे

गाजीपुर। कलेक्ट्रेट बार के सोमवार को हुए प्रतिष्ठापरक चुनाव में अध्यक्ष समेत आठ पदाधिकारी निर्विरोध चुने गए जबकि महासचिव पद पर आमने-सामने के मुकाबले में विनोद चतुर्वेदी को मुंहकी खानी पड़ी। एकतरफा मुकाबले में वह धर्मचंद्र सिंह यादव से पूरे 65 वोटों से पिछड़ गए।

धर्मचंद्र सिंह यादव कुल 119 वोट हासिल किए। विनोद चतुर्वेदी मात्र 54 वोट पर ही अटक गए। अन्य पदों की तरह महासचिव पद के लिए भी निर्विरोध चुनाव की कोशिश हुई। इसके लिए साथी वकीलों ने मान-मनौव्वल किया लेकिन विनोद चतुर्वेदी उनकी एक नहीं सुने। आखिर में इस इकलौते पद के लिए मतदान की प्रक्रिया पूरी करन पड़ी। विनोद चतुर्वेदी पिछले साल भी इस पद के लिए लड़े थे। संभवत: उन्हें उम्मीद थी कि इस बार उनकी विजय होगी।

अन्य पदों के लिए निर्विरोध पदाधिकारियों में दशरथ सिंह यादव अध्यक्ष, अमर सिंह वरिष्ठ उपाध्यक्ष, मोहम्मद वसीम सिद्दीकी तथा धनंजय पांडेय उपाध्यक्ष (दस वर्ष से अधिक), उमाशंकर यादव उपाध्यक्ष (दस वर्ष से नीचे), लव कुमार राय कोषाध्यक्ष के अलावा सह सचिवों में करुणानिधि चक्रवर्ती प्रशासन, ऋषिदेव पांडेय प्रकाशन तथा संतोष कुमार मौर्य पुस्तकालय और कार्यकारिणी सदस्य (15 वर्ष से ऊपर) राजेंद्र सिंह यादव, विरेंद्र कुमार चौबे, विरेंद्र राम, शशिकांत सिहं यादव, आदित्य नारायण सिंह गांधी एवं सुशील दूबे और सदस्य कार्यकारिणी (15 वर्ष से नीचे) गोविंद राम, गोपाल सिंह कुशावाह, मनीष कुमार पांडेय, रमेश सिंह यादव, मुद्रिका सिंह यादव तथा दीपक कुमार शामिल हैं।

कलेक्ट्रेट बार में इस तरह निर्विरोध चुनाव की स्थिति दो साल बाद आई। नि:संदेह यह सुखद परिणाम जूनियर- सीनियर सदस्यों में आपसी समन्वय तथा सौहार्द्र का अनुकरणीय उदाहरण है।

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