जिस्मानी भूख में एक की गई जान और दूसरे की जिंदगी हुई तबाह

भांवरकोल (गाजीपुर)। उसकी जिस्मानी भूख का अंजाम खौफनाक ही रहा। एक यार की जिंदगी चली गई और दूसरे यार की जिंदगी एकदम तबाह हो गई। फिर खुद उसके परिवार की इज्जत मिट्टी में मिली। वह अलग है। यह किस्सा कुंडेसर के रामविलास यादव की हत्या के खुलासे के बाद सामने आया है।
पुलिस रविवार को इस हत्याकांड की पूरी गुत्थी सुलझाने का दावा की। बताई कि रामविलास यादव (52) की हत्या आशिकी में हुई। हत्या को अंजाम उसकी महबूबा के दूसरे यार श्रीभगवान उर्फ मुन्ना राजभर ने दिया था। मुन्ना राजभर इसी क्षेत्र के फखनपुरा गांव का रहने वाला है। वह और हत्या में उसका सहयोगी रहा कुंडेसर का लालजी यादव पुलिस के हत्थे तब चढ़े जब वह कहीं भागने के फेर में थे।
हत्या का कारण यही था कि रामविलास मुन्ना राजभर को युवती से संबंध को लेकर टोकाटाकी करता था। इस बात को लेकर दोनों में हत्या से कुछ ही दिन पहले कहासुनी भी हुई थी। दरअसल पहले युवती के जिस्म और जज्बात पर अकेले रामविलास हक रखता था लेकिन युवती अपनी बढ़ती जिस्मानी भूख को लेकर अकेले रामविलास से संतुष्ट नहीं थी। शायद यही वजह रही कि वह मुन्ना राजभर के संपर्क में आ गई लेकिन चतुराई यह कि वह अपनी ओर से भरसक कोशिश करती रही कि रामविलास को इसका पता न चले। इसके लिए वह रामविलास से फोन पर पहले की तरह ही बातें करती और उसके संग एकांतवास का सिलसिला भी जारी रखी। उधर मुन्ना राजभर से भी वह फोन पर बतियाने और मिलन का मौका निकाल लेती लेकिन एक दिन उसका भांडा फूट गया। रामविलास ने उसे मुन्ना राजभर की बांहों में पड़े देख लिया। युवती की खूब लानत-मलानत किया और मुन्ना राजभर को कठोर स्वर में चेताया। यह भी कहा कि युवती से मिलना नहीं छोड़ा तो वह उसके घरवालों को भी बता देगा लेकिन मुन्ना राजभर से मिलना युवती नहीं छोड़ी। उसी क्रम में मुन्ना राजभर एक दिन युवती को तलाशते उसके ठिहे पर पहुंचा। तब रामविलास को युवती संग आलिंगनबद्ध पाया। जाहिर था बारी मुन्ना राजभर की थी। वह रामविलास को खरीखोटी सुनाया। बावजूद उसे इस बात का अंदाजा था कि न रामविलास मानेगा। न उसकी महबूबा ही उसे छोड़ेगी। मुन्ना राजभर को यही विकल्प समझ में आया कि रामविलास को सदा के लिए रास्ते से हटाया जाए और आखिर में उसने प्लान बनाया।
पुलिस के मुताबिक मुन्ना राजभर अपने प्लान के तहत बुधवार की देर शाम युवती से रामविलास को फोन करवा कर उसके खेत की ओर बुलवाया। रामविलास मौके पर पहुंचा। तब मुन्ना राजभर कुंडेसर के ही अपने साथी लालजी यादव को कहा कि वह रामविलास को अपनी बातों में उलझाए रखे। फिर मौका देखकर मुन्ना राजभर पीछे से कुल्हाड़ी से रामविलास के सिर पर जोरदार प्रहार कर दिया। एक ही वार में रामविलास लुढ़क गया। उसके बाद वह दोनों मौके से भाग गए। कुछ देर बाद उन्होंने रामविलास के फोन पर कई कॉल किए लेकिन कोई जवाब नहीं मिलने पर वह आश्वस्त हो गए कि उनका एक ही वार सटीक पड़ा था और रामविलास की मौत हो चुकी है। गुरुवार की सुबह रामविलास की लाश मौके पर पड़ी मिली थी। पुलिस मृत रामविलास के फोन के कॉल डिटेल्स से हत्यारों तक सहजता से पहुंच गई। हालांकि इस मामले में युवती के विरुद्ध ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला कि उसे भी मुल्जिम बनाया जाए।