मरदह कांड: सपा के जांच दल ने पुलिस को ठहराया कसूरवार

गाजीपुर। सपा के जांच दल ने बहुचर्चित मरदह कांड के लिए पुलिस को सीधे तौर पर दोषी ठहराया है। बुधवार को जांच दल मौके पर पहुंचा और पीड़ितों से पूरे घटनाक्रम की जानकारी लिया और घटना स्थल का भी जायजा लेने के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि एक समान्य घटना को पुलिस ने नाहक तूल दिया और फिर मरदह की राजभर तथा पासी बस्ती में धावा बोल कर बेकसूरों पर बेइंतहा जुल्म ढाहा। यहां तक कि बस्ती के लोगों के घरों के दरवाजे, खिड़की तोड़ कर अबलाओं तक की बर्बर पिटाई की गई। पुलिस की शिकार अबलाओं ने रूंधे गले से अपनी आपबीती सुनाई।
पुलिस को इतने भर से संतोष नहीं हुआ और 31 बेकसूरों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर जेल भेज दिया गया। एफआईआर में दो लोग ऐसे भी हैं जिनका स्वर्गवास हो चुका है। पत्रकारों को भी मुल्जिम बना दिया गया है।
मरदह से लौटने के बाद जिला मुख्यालय पर जांच दल मीडिया से मुखातिब हुआ। जांच दल ने चेताया कि अगर घटना के लिए जिम्मेदार पुलिस कर्मियों के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज कर कार्रवाई और जेल भेजे गए बेकसूरों की बिना शर्त रिहाई नहीं हुई तो सपा आंदोलन को बाध्य होगी।
जांच दल का गठन पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने किया था। उसमें पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह, विधायक डॉ. विरेंद्र यादव, पूर्व विधायक कालीचरण राजभर, पार्टी जिलाध्यक्ष रामधारी यादव, जहूराबाद विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष जयहिंद यादव सहित पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष डॉ. सानंद सिंह, चंद्रशेखर यादव तथा महेंद्र चौहान शामिल थे।