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अपराधब्रेकिंग न्यूज

हत्यारोपी शिक्षक समेत दो को उम्र कैद

गाजीपुर। दिनदहाड़े सरेराह युवक की गोली मारकर हत्या के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट (दो) के जज दुर्गेश ने शनिवार को शिक्षक सहित दो को उम्र कैद और सात लाख 20 हजार रुपये के अर्थ दंड से दंडित किया। अभियोजन की ओर से सहायक शासकीय अधिवक्ता अखिलेश कुमार सिंह ने पैरवी की।

घटना सादात थाना क्षेत्र के पट्टी गरीब उर्फ मई में 28 नवंबर 2018 की दोपहर करीब एक बजे हुई थी। गांव का युवक अंकुर सिंह (25) घर से बाइक लेकर अपनी मौसी के घर कपसेठा, आजमगढ़ के लिए निकला था। पीछे बाइक से उसके पिता सुनील सिंह तथा रिश्तेदार मनोज सिंह भी बाइक से चल रहे थे। अंकुर गांव के काली मां मंदिर से कुछ ही आगे बढ़ा था कि सामने से तेज रफ्तार स्कार्पियो से आए गांव के ही संजय सिंह तथा उसका साथी संदीप सिंह बाइक में टक्कर मार कर अंकुर को गिरा दिए। बावजूद अंकुर उनकी नीयत भांप कर भागने की कोशिश किया लेकिन संजय सिंह अपनी लाइसेंसी राइफल तथा पिस्तौल लेकर संदीप सिंह स्कार्पियो से उतरे और एक साथ अंकुर पर फायर झोंक दिए। अंकुर की मौके पर ही मौत हो गई। उसके बाद दोनों हत्यारे मौके पर ही अपनी स्पार्कियो छोड़ कर असलहे लहराते भाग गए। उसके पहले वह अंकुर के गले से सोने की चेन तथा जेब में रखी 42 हजार रुपये की नकदी भी निकाल लिए थे। अभियोजन के मुताबिक घटना के वक्त मौके पर हत्यारों के पक्ष का रणजीत सिंह मौजूद था और अंकुर की हत्या के लिए संजय तथा संदीप को ललकार रहा था। गांव के ही रविशंकर सिंह ने अंकुर के घर से निकलने की मखबिरी की थी।

यह हत्या पुरानी रंजिश को लेकर हुई थी। घटना से चार माह पहले संजय सिंह अपने साथियों संग अंकुर सिंह के दरवाजे पर चढ़ आया था और उसकी मां संग दुर्व्यवहार किया था और पांच लाख रुपये की रंगदारी मांगा। उस मामले की एफआईआर सादात थाने में दर्ज कराई गई थी। उससे संजय और चिढ़ गया था और अंकुर के परिवार को सबक सिखाने की धमकी देने लगा था।

मुकदमे की सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से कुल आठ गवाह पेश किए गए। सहायक शासकीय अधिवक्ता अखिलेश कुमार सिंह ने बताया जज ने रणजीत सिंह तथा अन्य अभियुक्त रविशंकर सिंह को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया जबकि संजय सिंह तथा संदिप सिंह को विभिन्न धाराओं में दोषी मानते हुए उम्रकैद और कुल सात लाख 20 हजार रुपये का दंड लगाया। हत्यारों को उम्रकैद की सजा अपनी आखिरी सांस तक भुगतनी होगी। वह दोनों घटना के बाद से ही जेल में हैं। संजय सिंह अपने गांव के ही सरकारी जूनियर हाई स्कूल में अध्यापक था लेकिन उसके कृत्य के चलते बीएसए ने पिछले ही साल मई में उसे बर्खास्त कर दिया था।

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