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पहले बेटी के खून से रंगा हाथ, फिर सबूत मिटाने में जुटा रहा कुनबा

गाजीपुर। यूं तो खानपुर थाना क्षेत्र में हुए डबल मर्डर में लिप्त कुनबा जेल जा चुका है लेकिन उसकी हैवानियत सुन अब भी हर किसी के रोंगटे खड़े हो जा रहे हैं।

बेटी अपनी बेपनाह मुहब्बत की दुहाई देती रही लेकिन कुनबा उसके खून से अपने हाथ रंगने में तनिक भी नहीं हिचका। पहले बेटी का कत्ल फिर उसके प्रेमी को कुनबे ने गोली मारी। बल्कि कठकरेजी इतनी कि बेटी की लाश घर में रख इत्मीनान से सारा सबूत मिटाने में जुटा रहा पूरा कुनबा और यह खौफनाक वाकया हुआ महज झूठी इज्जत खातिर।

हालांकि पुलिस कप्तान डॉ.ओमप्रकाश सिंह ने गिरफ्तारी के बाद गुरुवार की दोपहर अपने ऑफिस में मीडिया के सामने पेश किया तो कुनबे के हर किसी की बॉडी लंग्वेज बता रही थी उन्हें अब अपने किए का पछतावा है लेकिन पुलिस कप्तान ने जो घटनाक्रम बताया, उससे साफ हुआ कि कुनबे की यह वारदात पूर्व नियोजित थी और सलाखों के पीछे जाने से खुद को बचाने के लिए कुनबे ने अपने शातिर दिमाग का भरसक इस्तेमाल किया जबकि पुलिस अपने इन्वेस्टिगेशन में हाईटेक्नो और ह्यूमन रिसोर्सेज का इस्तेमाल कर मय सबूत पूरी कहानी की तह में सहजता से पहुंच गई।

पूरी कहानी पुलिस की जुबानी

बीते सोमवार की सुबह 06:35 बजे यूपी-112 को सूचना मिली कि ग्राम रामपुर थाना खानपुर में सड़क किनारे एक लहूलुहान युवक पड़ा है। युवक के दाहिने हाथ में एक देशी पिस्टल तथा बांए पैर के घुटने के पास दूसरी पिस्टल एवं मोबाइल फोन पड़ा था। युवक को उपचार के लिए बीएचयू ट्रामा सेंटर भेजा गया मगर वहां उसका दम टूट गया। युवक की पहचान आईडी तथा आधार कार्ड से अजय कुमार यादव निवासी ग्राम बभनौली कला अमवातर थाना खानपुर के रूप में हुई। युवक के पिता रामप्रताप यादव की तहरीर पर अज्ञात के विरुद्ध हत्या का मामला दर्ज किया गया। मृत अजय के फोन की कॉल डिटेल से पता चला कि उसके फोन पर करीब पौने तीन घंटे पहले अंतिम कॉल आई थी। उस कॉल पर अजय की लगभग 28 मिनट तक बात हुई थी। उस मोबाइल फोन में ही कोर्ट मैरेज का प्रमाण-पत्र मिला। उसमें मय फोटो अजय निवासी बभनौलीकलॉ और लड़की सानिया पुत्री राजेश सिंह निवासी ग्राम इचवल थाना खानपुर अंकित था। उसके बाद राजेश सिंह के घर के चारों तरफ एवं घटना स्थल के आसपास पुलिस कॉम्बिंग की लेकिन कोई ठोस सुराग नहीं मिला। उसी बीच सानिया उर्फ सोनाली के पिता ने उसकी गुमशुदगी की ऑनलाइन एफआईआर दर्ज कराई। मंगलवार को पुलिस को सूचना मिली कि सानिया की लाश उसके घर के बाड़े की दीवार से सटे गेहूं के खेत में पड़ी है। उसके बाद सानिया के घरवालों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू हुई। पहले तो वह बरगलाते रहे लेकिन जब अच्छी वाली पूछताछ हुई तो सानिया का पिता राजेश सिंह टूट गया। उसने बताया कि करीब एक माह पहले उन्हें अपनी पत्नी नीलम और पुत्र दीपक उर्फ गोलू से पता चला कि बेटी सानिया अजय यादव से दो साल पहले कोर्ट मैरेज कर चुकी है। वह सूचना उनके परिवार की इज्जत पर चोट करने वाली थी। लिहाजा वह सानिया को अजय से दूर होने के लिए समझाना चाहा लेकिन वह नहीं मानी। उसी बीच पता चला कि यूपी पुलिस में कांस्टेबल अजय यादव अपने थाने गौरीगंज जिला अमेठी से छुट्टी लेकर घर आया है। तब राजेश सिंह और परिवार के अन्य सदस्यों ने प्लान बनाया कि अजय को घर बुलाकर सानिया से दूर होने के लिए समझाया जाए। अगर वह नहीं समझेगा तब उसकी हत्या कर दी जाएगी। प्लान के तहत सानिया से फोन और मैसेज करा कर अजय को बुलाया गया। अजय के पहुंचने पहले सानिया को एक बार फिर समझाने की कोशिश शुरू हुई लेकिन वह अजय से अपने सच्चे प्यार का हवाला देकर अपनी जिद पर अड़ी रही। उसकी खुन्नस में सिर में गोली मार कर उसे मौत की नींद सुला दिया गया। उसके कुछ ही देर बाद अजय आया। उसे भी समझाने की कोशिश शुरू हुई लेकिन अजय तेज आवाज में सानिया के घरवालों की बात को नकारने लगा। तब यह कह कर कि वह घर से बाहर चले और किसी एकांत जगह में उससे बात होगी। सानिया के घरवालों के प्लान से अनजान अजय उनके साथ बगल के गांव रामपुर की पानी टंकी के पास तक पहुंच गया। जहां दोबारा समझाने पर भी वह नहीं माना तब उसके भी सिर में गोली मार दी गई। उसके बाद सानिया का फोन अजय की जेब में डाल एक पिस्टल उसके हाथ में पकड़ा दी गयी तथा दूसरी उसके पैर के पास रख सभी घर लौटे। पास-पड़ोस में यह बात फैला दिए कि सानिया कहीं चली गई है और घर में फर्श पर सानिया के पसरे खून की ठीक से सफाई किए। लाश को एक चादर में लपेट कर तय किए कि रात के पहर उसे कहीं ठिकाने लगा दिया गया लेकिन घर के आसपास पुलिस की कॉंबिंग से वह लाश घर में ही छिपाए रहे। कॉंबिंग के बाद पुलिस लौट गई तब वह मौका देख लाश को घर के बाड़े के पास ही खेत में फेंक दिए। घर में छूटे अजय के चप्पल को भी सानिया की लाश के पास रख दिए।

बेटे का इल्जाम अपने माथे लिया राजेश!

ऑनर किलिंग के इस मामले में पुलिस ने मृत युवती सानिया के पिता राजेश सिंह के अलावा मां नीलम सिंह, भाई दीपक सिंह उर्फ गोलू, चचेरे भाई अंकित सिंह उर्फ सानू तथा दादा अवध राज सिंह को जेल भेजी है। पुलिस की पूछताछ में डबल मर्डर का सीधा इल्जाम राजेश सिंह ने खुद लिया। इस बात पर उनके गांव वाले हैरान हैं। उनकी मानी जाए तो सानिया के किसी विजातीय से संबंध बनाने पर उसका भाई दीपक सबसे ज्यादा उग्र था। तब हैरानी नहीं कि वारदात को अंजाम और उसके लिए असलहों का इंतजाम भी उसी ने किया हो लेकिन अपनी ओर से बेटे को बचाने में राजेश ने सारा इल्जाम अपने माथे ले लिया।

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