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अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी पर प्रबुद्ध वर्ग आक्रोशित

गाजीपुर। जबरिया रिटायर वरिष्ठ आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी से गाजीपुर का प्रबुद्ध वर्ग भी आक्रोशित है। अधिकार सेना के बैनर तले मंगलवार को मौन जुलूस निकाल कर अपना यह गुस्सा भी प्रकट किया।

कचहरी स्थित पत्रकार भवन से यह जुलूस कलेक्ट्रेट पहुंचा और राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सीआरओ को सौंपा। ज्ञापन के जरिये उनका कहना था कि अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी से एक बार फिर यह साबित हुआ है कि प्रदेश की भाजपा सरकार खुद के विरुद्ध लिखने, बोलने वालों को रंचमात्र भी बर्दाश्त नहीं कर रही है। अमिताभ ठाकुर जैसे ईमानदार, कर्मठ आईपीएस अफसर को शुरू से नाहक प्रताड़ित किया जा रहा है। उनको जबरिया रिटायर करने के बाद भी भाजपा सरकार को संतोष नहीं हुआ तो अब झूठा मामला गढ़ कर उन्हें जेल भेज दिया गया है जबकि उस मामले के अन्य आरोपितों के विरुद्ध कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई है। यहां तक कि श्री ठाकुर की गिरफ्तारी से पहले उस मामले में किसी भी बयान की जांच करने की भी जरूरत नहीं समझी गई। स्पष्ट है कि यह गिरफ्तारी सरकार की पूर्वाग्रहपूर्ण है। श्री ठाकुर का कसूर बस यही है कि वह सरकार की अन्यायपूर्ण कार्रवाई के विरुद्ध लिखते, बोलते रहे हैं। ज्ञापन में अमिताभ ठाकुर पर लगे आरोपों की निष्पक्ष जांच के साथ ही तत्काल प्रभाव से रिहाई की मांग की गई। ज्ञापन में यह भी मांग की गई कि ईमानदार अफसरों, सोशल एक्टिविस्ट और सत्ता व्यवस्था की पोल खोलने वाले पत्रकारों के नाहक उत्पीड़न पर रोक लगाई जाए।

मौन जुलूस में अधिकार सेना के जिला संयोजक सुजीत सिंह प्रिंस के अलावा भड़ास मीडिया के संपादक यशवंत सिंह, रामनगीना सिंह, अजय सिंह, अजीत सिंह, रूद्र सिंह, चंद्रशेखर यादव आदि पत्रकार, वकील, सोशल एक्टिविस्ट शामिल थे। उनके हाथों में अपनी मांगों वाली तख्तियां भी थीं।

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