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साढ़े चार साल बाद गाजीपुर को मिली मंत्रिपरिषद में जगह, डॉ.संगीता बलवंत बनीं राज्य मंत्री

गाजीपुर। साढ़े चार साल बाद प्रदेश सरकार के मंत्रिपरिषद में गाजीपुर को जगह मिली है। रविवार को योगी सरकार के हुए मंत्री परिषद के विस्तार में सदर विधायक डॉ.संगीता बलवंत ने राज्य मंत्री पद की शपथ ली। वह बिंद बिरादरी से आती हैं।

जाहिर है कि डॉ.संगीता बलवंत को मंत्री बनाकर भाजपा ने अति पिछड़ों को रिझाने की कोशिश की है। गाजीपुर सहित पूर्वांचल के कई जिलों में बिंद बिरादरी की खासी संख्या है। डॉ.संगीता बलवंत के मंत्री बनने पर भाजपा के गाजीपुर के नेताओं की भी प्रसन्नता के साथ उत्साहजनक प्रतिक्रिया आई है। पार्टी जिलाध्यक्ष भानुप्रताप सिंह ने कहा कि भाजपा ही एक ऐसा राजनीतिक दल है जहां हर कार्यकर्ता को समान अवसर प्राप्त है। डॉ. संगीता बलवंत के मंत्री बनने से जिले के विकास को और गति मिलेगी तथा अति पिछड़े समाज में पार्टी की विश्वसनीयता बढ़ेगी। पार्टी को और मजबूती मिलेगी। पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति सदस्य कृष्ण बिहारी राय ने कहा कि डॉ. संगीता बलवंत के प्रदेश सरकार में मंत्री बनने पर पार्टी का निति वाक्य सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास जनता में मजबूत हुआ है। साथ ही भाजपा के प्रति समाज के पिछड़े वर्ग में और विश्वास बढ़ा है। जिला मीडिया प्रभारी शशिकांत शर्मा ने कहा कि यह डॉ. संगीता बलवंत के मिलनसार व्यक्तित्व, योग्यता एवं कुशलता का परिणाम है जिन्होंने सरलता व सादगी के साथ लोगों के बीच तथा जन बुनियादी समस्याओं को सदैव सदन में रखा। उनके मंत्री बनाए जाने से यह सिद्ध हो गया है कि समाज के सबसे कमजोर, पिछड़े और असंगठित लोगों का सम्मान सिर्फ भाजपा में निहित है। इससे गाजीपुर के विकास को और गति मिलेगी।

मालूम हो कि पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार में तत्कालीन सदर विधायक विजय मिश्र भी राज्यमंत्री थे। डॉ.संगीता बलवंत के मंत्री बनने के कयास तभी से लग रहे थे, जब योगी सरकार गठित हुई थी और उसके बाद अब मंत्रिपरिषद का विस्तार हुआ है तो उन्हें जगह मिली है। राजभवन से डॉ.संगीता बलवंत को मंत्री पद की शपथ लेने का न्यौता मिलने के बाद से ही भाजपा कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर छा गई थी। समर्थक सुबह से ही उनके महाराजगंज आवास पर जुटने लगे थे।

छात्र राजनीति से सार्वजनिक जीवन में आईं संगीता

गाजीपुर शहर में ही पहली अक्टूबर 1978 को जन्मी संगीता बलवंत छात्र राजनीति से अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत की। वह पीजी कॉलेज छात्रसंघ की उपाध्यक्ष बनीं। उनके पिता स्व. रामसूरत बिंद पोस्टमैन थे। संगीता की छात्र जीवन से ही राजनीति के साथ ही साहित्य में अभिरुचि रही है। देश के प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में उनकी रचनाएं छपती रही हैं। साल 2005 में वह जिला पंचायत की निर्दल सदस्य चुनी गई थीं। संगीता बलवंत के पति होम्योपैथिक चिकित्सक अवधेश बिंद जमानियां कस्बे के रहने वाले हैं। भाजपा से उनका नाता जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जोड़ा था। 2014 में श्री सिन्हा गाजीपुर सीट से तीसरी बार संसद में पहुंचे थे। उन्हीं की सिफारिश पर संगीता बलवंत को 2017 के विधानसभा चुनाव में  सदर विधानससभा से भाजपा का टिकट मिला था।

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