कोर्ट का 25 साल बाद आया फैसला, हमलावरों को चार साल की कैद

गाजीपुर। हमला कर जख्मी करने के मामले में कोर्ट का 25 साल बाद फैसला आया। हमलावरों को चार साल की कड़ी कैद के साथ ही पांच हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किए गए। यह फैसला विशेष सत्र न्यायाधीश (एससी-एसटी) चंद्रप्रकाश तिवारी ने बुधवार को सुनाया।
मुकदमे की सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से सहायक शासकीय अधिवक्ता प्रदीप चतुर्वेदी ने पैरवी की। फैसले की जानकारी देते हुए श्री चतुर्वेदी ने बताया कि वादी मुकदमा बरसाती राम निवासी थाना कासिमाबाद के मोहमदपुर कुसुम का हमलावरों से जमीन का विवाद चल रहा था। उसी रंजिश को लेकर 24 अगस्त 1995 की शाम करीब छह बजे वह लोग मुहम्दाबाद तहसील मुख्यालय से अपने घर लौट रहे बरसाती राम को घेर लिए और लाठी-डंडे और बिजली के केबल के टुकड़े संग उन पर पिल पड़े थे। उनमें बरसाती के ही गांव के पाखंडी यादव तथा उसके बेटे लल्लन यादव, बब्बन यादव तथा सज्जन यादव थे।
मुकदमे की सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से कुल छह गवाह पेश किए गए, जिन्होंने अभियोजन के कथानक का समर्थन किया। न्यायाधीश ने बचाव पक्ष की सारी दलीलों, साक्ष्यों को खारिज करते हुए आरोपितों को दोषी करार कर दिया।