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…पर शादाब फातमा के लिए कहां बनेगी गुंजाइश

गाजीपुर। सपा मुखिया अखिलेश यादव और प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव के बीच हुए गठबंधन के बाद पूर्व मंत्री शादाब फातमा के लिए भी गाजीपुर में गुंजाइश बनेगी! इसको लेकर राजनीतिक हलके में चर्चा शुरू हो गई है।

शिवपाल यादव की बेहद करीबी शादाब फातमा की पसंदीदा विधानसभा सीट जहूराबाद है। वह मूलतः उसी क्षेत्र के गंगौली की रहने वाली हैं। अब तक दो बार चुनाव लड़ी हैं और दोनों बार उनकी जीत हुई है। पहली बार साल 2007 के चुनाव में सपा के टिकट पर गाजीपुर की सदर सीट से उतरीं और बसपा की लहर के बावजूद कुल 41 हजार 829 वोट बटोर कर जीत दर्ज कराईं। उसके बाद 2012 के चुनाव में सीट बदल कर जहूराबाद चली गईं। कुल 67 हजार 12 वोट प्राप्त कर वह दूसरी बार भी विधानसभा में पहुंच गईं। उसके बाद पार्टी बनी सरकार की मंत्रिपरिषद में भी शामिल हो गईं।

जाहिर था कि शादाब फातमा यह सारा मुकाम शिवपाल यादव की कृपा से हासिल करती चली गई थीं लेकिन जब शिवपाल यादव का तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से ‘कुट्टी’ हुई  थी तो उसका खामियाजा शादाब फातमा को भी भुगतना पड़ा था। पहले वह सरकार से बहरियाई गईं। फिर 2017 के चुनाव में उनका टिकट भी कट गया।

अब जबकि शिवपाल यादव और अखिलेश यादव में ‘मिल्ली’ हो गई है तो शादाब फातमा के लिए उनके समर्थकों में भी उम्मीद जगी है लेकिन सवाल यह कि वह कहां से चुनाव लड़ेंगी। जहूराबाद सीट तो उनके लिए एकदम ‘खांच’ में लगती है। अखिलेश यादव का पहले ही सुभासपा से गठबंधन हो चुका है और सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर जहूराबाद के मौजूदा विधायक हैं। जाहिर है कि सीट बंटवारे में अखिलेश यादव जहूराबाद सीट सुभासपा के लिए छोड़ देंगे।

तब क्या शादाब फिर सदर सीट पर लौटेंगी। सपा सूत्रों की मानी जाए तो चाचा शिवपाल यादव से गठबंधन में उनके लिए भतीजे अखिलेश यादव ने जो विधानसभा सीटें छोड़ने की हामी भरी है और उनमें गाजीपुर की कोई सीट नहीं है।

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