जंगीपुर के भाजपाई फिर पुलिस बर्बरता के शिकार!

गाजीपुर। जंगीपुर के भाजपाइयों की यह बदनसीबी नहीं तो और क्या कहा जाए। सपा के राज में पुलिस बर्बरता के शिकार हुए ही थे और अब अपनी पार्टी के राजपाट में भी पुलिस उन्हें पीट-पीट कर पसार दी। हैरानी यह कि पुलिस अधिकारी इस कार्रवाई से साफ इन्कार कर रहे हैं। बल्कि उल्टे छह भाजपाइयों पर ही शहर कोतवाली में एफआईआर दर्ज कर दी गई है। वहीं भाजपा के बड़े नेता तो एकदम से चुप्पी साध लिए हैं जबकि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही वीडियो पुलिसिया जुल्म की दास्तां चीख-चीख कर कह रही है।
वाकया शनिवार की रात का है। जंगीपुर की सर्वदलीय पूजा समिति के लोग जयकारे लगाते विसर्जन के लिए गाजीपुर शहर के टेढ़ीबाजार के पास पहुंचे ही थे कि पुलिस उन्हें रोकी और डीजे बजाने के लिए टोकी। वह लोग डीजे बंद भी कर दिए। हालांकि वह अपने पूजा पंडाल में और विसर्जन जुलूस में रास्ते भर डीजे बजाते आए थे लेकिन उनको पुलिस की ओर से कहीं और नहीं टोका गया था। बावजूद टेढ़ी बाजार में टोके जाने पर उन लोगों ने अपना डीजे बंद कर दिए। बावजूद पुलिस के कुछ डंडधर नवछुटवे जवान उन पर पिल पड़े। भगदड़ मच गई लेकिन विसर्जन जुलूस में शामिल श्री दुर्गा पूजा समिति के कोषाध्यक्ष और जंगीपुर नगर पंचायत के मनोनित सभासद राजेंद्र गुप्त के पुत्र सुशील गुप्त ‘महात्मा’ तथा धर्मेंद्र कुशवाहा को पीट-पीट कर पसार दी। बाद में आसपास के लोगों ने दोनों को अस्पताल पहुंचाया।
इस सिलसिले में सीओ सिटी ओजस्वी चावला ने मीडिया के सवाल पर ऐसी किसी भी पुलिस कार्रवाई से इन्कार किया। अलबत्ता, बताया कि विसर्जन जुलूस तय रास्ते पर नहीं था और तेज आवाज में डीजे बज रहा था। जुलूस को रोककर तय रास्ते से आगे के लिए रवाना किया गया और इस मामले में छह के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज हुई है।
उधर रविवार को जंगीपुर क्षेत्र के युवा भाजपा नेता योगेश सिंह जिला अस्पताल पहुंच कर पुलिस की लाठियों से जख्मी पार्टी के सभासद पुत्र सुशील गुप्त का हालचाल लिए और वहीं से उन्होंने वीडियो संदेश जारी कर कहा कि पुलिस की यह बर्बर कार्रवाई लोकतांत्रिक व्यस्था को शर्मसार करने वाली है। ऐसे पुलिस कर्मी जो कि प्रदेश सरकार को बदनाम करना चाहते हैं। उनके विरुद्ध उचित कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। बाद में ‘आजकल समाचार’ से बातचीत में उन्होंने बताया कि इस सिलसिले में वह पार्टी जिलाध्यक्ष भानुप्रताप सिंह को पूरा घटनाक्रम बताए हैं। उन्होंने आश्वस्त किया है कि इस मामले में न्यायोचित कार्रवाई के लिए पुलिस अधिकारियों से वह बात करेंगे। योगेश सिंह ने बताया कि पुलिस की बर्बरता के शिकार दूसरे पार्टी कार्यकर्ता धर्मेंद्र कुशवाहा का इलाज आमघाट सहकारी कॉलोनी स्थित एक निजी अस्पताल में हुआ। हालांकि योगेश सिंह ने कहा कि विसर्जन जुलूस में नाहक लाठियां चटकाने वाले पुलिस कर्मियों की पहचान कर ली गई है और उनके विरुद्ध न्यायोचित कार्रवाई नहीं हुई तो पार्टी के लोग सड़क पर उतरने को बाध्य होंगे।
मालूम हो कि साल 2015 में सड़क के नवनिर्माण की मांग को लेकर जंगीपुर के लोग आंदोलनरत थे। ऐन स्वतंत्रता दिवस पर पुलिस एकदम बर्बरता पर उतारु हो गई थी और भाजपाजनों को चुन-चुन कर एकदम से पलार दी थी। तब सूबे में सपा की हुकूमत थी। कई भाजपाइयों को जेल भी भेजा गया था। उस घटना को याद कर आज भी वह भाजपाई सिहर उठते हैं और अब अपने ही राज में फिर पुलिस की बर्बर कार्रवाई से वह आक्रोशित हैं।