भाजपा छोड़ी सैदपुर सीट, सुभाष पासी लेंगे ‘भोजन भरी थाली’

गाजीपुर। भाजपा अपनी सहयोगी निषाद पार्टी के लिए सैदपुर सीट छोड़ दी है। इस बात की पुष्टि रविवार को निषाद पार्टी के उम्मीदवारों की जारी सूची से हुई है। सूची में सैदपुर के लिए मौजूदा विधायक सुभाष पासी का नाम है।
सुभाष पासी सपा के टिकट पर लगातार पिछले दो चुनावों में सैदपुर से विधायक चुने जाते रहे हैं लेकिन पिछले साल दो नवंबर को वह भाजपा में शामिल हो गए थे लेकिन शनिवार को वह नाटकीय घटनाक्रम में निषाद पार्टी के मुख्यालय में सपत्निक पहुंचे और उसकी सदस्यता ग्रहण कर लिए। उसके बाद निषाद पार्टी जब पूर्वांचल की कुल 15 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की सूची जारी की है तो उसमें सैदपुर के लिए सुभाष पासी का नाम अंकित है।
इससे साफ है कि सुभाष पासी चुनाव मैदान में कमल के फूल की जगह निषाद पार्टी का चुनाव निशान‘भोजन भरी थाली’लेकर उतरेंगे। आखिर सुभाष पासी को इस तरह पलटी मारने की जरूरत क्यों पड़ी जबकि हैरानी नहीं कि यह भाजपा नेतृत्व की रजामंदी से ही हुआ है।
…पर सूची में मात्र एक निषाद
निषाद पार्टी खुद को निषाद समाज के हितों की पैरोकार होने का दम भरती है लेकिन पूर्वांचल की 15 विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों की जारी सूची में मात्र एक निषाद है जबकि शेष में पांच ब्राह्मण, चार राजपूत, सुभाष पासी सहित तीन अनुसूचित, एक चौहान और एक भूमिहार है। सूची में बलिया की बांसडीह सीट पर केतकी सिंह का नाम है। वह पिछले चुनाव में उस सीट पर भाजपा के टिकट की प्रबल दावेदार थीं लेकिन तब भाजपा अपनी साझीदार रही सुभासपा के लिए वह सीट छोड़ दी थी लेकिन केतकी सिंह चुप नहीं बैठी थीं और बगावत कर निर्दल ही मैदान में उतर गई थीं जबकि सुभाषपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर अपने बेटे डॉ.अरविंद राजभर को मैदान में उतारे थे। केतकी सिंह की बगावत के चलते सपा के रामगोविंद चौधरी को लाभ मिला था। केतकी सिंह को कुल 49 हजार 514 वोट हासिल हुआ था। बावजूद रामगोविंद चौधरी मात्र एक हजार 687 वोट से जीत गए थे जबकि सुभासपा के अरविंद राजभर को 40 हजार 235 वोट पर ही अटक गए थे। जाहिर है कि इस बार भाजपा निषाद पार्टी के लिए बांसडीह सीट छोड़ेगी।