काशी का मूल स्वरूप बिगाड़ने पर आमादा है भाजपा सरकार: सतीशचंद्र मिश्र

गाजीपुर (राहुल पांडेय)। काशी में भाजपा सरकार की ओर से कराए जा रहे विकास कार्यों को लेकर बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीशचंद्र मिश्र को घोर आपत्ति है। उनकी नजर में वह विकास कार्य काशी के मूल स्वरूप से सीधा छेड़छाड़ है। अपनी पार्टी की गुरुवार को हुई बहुप्रचारित प्रबुद्ध वर्ग विचार संगोष्ठी में श्री मिश्र ने कहा कि काशी में बाबा विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर बनाने के नाम पर वहां के मूल भौतिक स्वरूप को खत्म किया जा रहा है और इस सबके पीछे आध्यात्मिक सोच नहीं बल्कि कुलीन वर्ग की सुविधाओं की प्राथमिकता है। कॉरिडोर के नाम पर वहां हुई प्राचीन इमारतों को तोड़ दिया गया। यहां तक कि मां पार्वती मंदिर के अस्तित्व को भी खत्म कर दिया गया। तोड़ी गई इमारतों के मलबे गंगा में डाल कर उनकी धारा बदलने में भी संकोच नहीं हुआ।
फिर श्री मिश्र अपनी मूल बात पर आए। कहे- भाजपा के राज में ब्राह्मण न तो सुरक्षित हैं और न उनका सम्मान ही निरापद रह गया है। प्रदेश भर में ब्राह्मणों पर लगातार जुल्म ढाहे जा रहे हैं। कानपुर के बहुचर्चित बिकरू कांड से जुड़ी खुशी दूबे सहित ब्राह्मण समाज के कई उन नामों को गिनाए जो किन्हीं न किन्हीं मामलों में पुलिसिया कार्रवाई की जद में आ चुके हैं। उनका कहना था कि बसपा के राज में ब्राह्मणों को सुरक्षा, सम्मान मिला था और एक बार फिर ब्राह्मण समाज को बसपा की सत्ता में वापसी के लिए एकजुट होना पड़ेगा।
श्री मिश्र के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री नकुल दूबे भी आए थे। मंच पर गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी, पूर्व मंत्री विजय मिश्र, इं. मनीष पांडेय, अरुण पांडेय, वाराणसी सेक्टर प्रभारी अशोक गौतम आदि भी थे। संगोष्ठी में ब्राह्मण समाज की अपेक्षित उपस्थिति रही।
अफजाल को तरजीह, गणेशदत्त को बनाए प्रतीक
संगोष्ठी में राष्ट्रीय महासचिव सतीशचंद्र मिश्र ने गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी को काफी तरजीह दी। संगोष्ठी में खुद के माल्यार्पण की बारी आई तो सतीशचंद्र मिश्र की आंखें सांसद अफजाल अंसारी को ढूंढ़ने लगी। अफजाल मंच के एक किनारे खड़े नजर आए। तब सतीशचंद्र मिश्र ने आवाज देकर उन्हें बड़े माले के अंदर बुला लिया। फिर अपने संबोधन में भी उन्होंने सबसे पहले अफजाल का ही नाम लिया। समापन के बाद मंच से चलते-चलते वह साथ आए अपने बेटे से अफजाल का परिचय कराना भी नहीं भूले। बेटा भी तपाक से अफजाल का पांव छूकर आर्शीवाद लिया। उधर अपने लंबे भाषण में भाजपा राज में ब्राह्मण समाज के हो रहे उत्पीड़न की चर्चा के क्रम में गाजीपुर के बहुचर्चित प्रॉपर्टी डीलर गणेशदत्त मिश्र का भी नाम गिनाए। कहे कि भाजपा सरकार के इशारे पर उनके पिता के नाम की बहुमंजिली इमारत ढहा दी गई।