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गांधी जयंती पर चंपारण से निकलेगी किसान सत्याग्रह यात्रा

गाजीपुर। राष्ट्रीय संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले गांधी जयंती पर दो अक्तूबर को बिहार के चंपारण से किसानों की सत्याग्रह यात्रा निकलेगी। यह यात्रा 19 अक्तूबर को वाराणसी पहुंच कर समाप्त होगी।

नगर के स्टेशन रोड स्थित भारद्वाज भवन में गुरुवार को मोर्चा की हुई बैठक में प्रस्तावित किसान सत्याग्रह यात्रा की तैयारियों पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में मोर्चा के प्रमुख घटक नवनिर्माण किसान संगठन के राष्ट्रीय संयोजक अक्षय कुमार ने कहा कि देश आज गहरे संकट से जूझ रहा है। खेती-किसानी, दवाई-पढ़ाई और कमाई, महंगाई को लेकर किसान आजादी के पहले और अब में कोई फर्क महसूस नहीं कर रहे हैं। फर्क बस यही है कि आजादी से पहले हुकूमत ब्रितानियों की थी और अब हुक्मरान भारतीय हैं। ब्रितानी कंपनियां नील की खेती और उसकी कीमत तय करती थीं और अब अपने भारतियों की सरकार एक बार फिर खेती-किसानी को निजी कंपनीयों के हाथों में सौंपनी की तैयारी में है। इसके विरोध में देशभर के किसान मोर्चा की अगुवाई में  दिल्ली में पिछले आठ माह से आंदोलनरत हैं लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है। लिहाजा जरूरी है कि देश के हर हिस्से से इसके विरोध में सत्याग्रही आवाज उठे। बताए कि गांधी ने नील के किसानों के लिए आंदोलन की शुरुआत बिहार के चंपारण से की थी। लिहाजा मोर्चा ने भी अपनी सत्याग्रह यात्रा चंपारण से ही निकाल कर प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र बनारस तक कुल 324 किलोमीटर की सत्याग्रह पद यात्रा करने का निर्णय किया है।

बैठक में वाराणसी के किसान नेता रामजन्म यादव, किसान सभा के जिलाध्यक्ष जनार्दन राम, कृषि भूमि बचाओ मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव रामाश्रय यादव, रामबदन सिंह, कुसुम तिवारी, किसान संघर्ष समिति के प्रदेश महासचिव रमेश यादव के अलावा जौनपुर के किसान नेता अरुण सिंह, अमरनाथ यादव, फरीद आलम, राकेश राय, बल्लभाचार्य पांडेय, जितेंद्र यादव, अखिलेश राय, उमेश श्रीवास्तव, घूरा यादव, साजिद यादव, ओमनारायण राय आदि ने विचार व्यक्त किए। अध्यक्षता अमेरिका सिंह यादव तथा संचालन रामाश्रय सिंह यादव ने किया।

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