ढहेगा शम्मे हुसैनी हॉस्पिटल! प्रबंधन को डीएम की अगुवाई वाली बोर्ड से नहीं मिली राहत

गाजीपुर। गंगा पुल स्थित शम्मे हुसैनी हॉस्पिटल एवं ट्रामा सेंटर प्रबंधन को डीएम की अगुवाई वाली आठ सदस्यीय बोर्ड से राहत नहीं मिली। इस मामले में शुक्रवार की शाम बोर्ड ने अपना फैसला सुना दिया। बोर्ड ने भी एसडीएम सदर कोर्ट के आदेश पर अपनी मुहर लगा दी।
बोर्ड के फैसले से हॉस्पिटल प्रबंधन को बड़ा झटका लगा है। खबर है कि प्रबंधन ने हॉस्पिटल सहित पूरे कैंपस को खाली करना शुरू कर दिया है। यहां तक कि दाखिल गंभीर रोगी भी एंबुलेंस के जरिये अन्यत्र शिफ्ट किए जाने लगे हैं। उस दशा में सवाल है कि उन रोगियों के जीवन के साथ कुछ हो गया तो उसके लिए जिम्मेदारी कौन होगा जबकि डीएम की अगुवाई वाली बोर्ड के फैसले के बाद शुरू हुई प्रशासनिक कवायद से यह तय माना जा रहा है कि हॉस्पिटल एवं ट्रामा सेंटर सहित पूरे कैंपस को ढहाने के लिए प्रशासनिक अमला 24 अक्टूबर की सुबह मय लावलश्कर मौके पर पहुंच जाएगा। हॉस्पिटल एवं ट्रामा सेंटर में दाखिल रोगियों को अन्यत्र सुरक्षित शिफ्ट कराने के लिए सीएमओ रात में पहुंच गए थे। उसके लिए सरकारी एंबुलेंस भी लगाई गईं थींं। शहर कोतवाल विमल मिश्र भी सदलबल पहुंचे थे। खबर है कि कई थानों की फोर्स के अलावा नगर पालिका के कर्मचारियों को भी सुबह जेसीबी के साथ पहुंचने को कहा गया है। हॉस्पिटल एवं ट्रामा सेंटर का कैंपस 27 बीघे में पसरा है। कैंपस में नर्सिंग कॉलेज, हॉस्टल, कैंटीन सहित रेस्टोरेंट, एटीएम वगैरह भी है।
मालूम हो कि एसडीएम सदर प्रभास कुमार ने बीते आठ अक्टूबर को हॉस्पिटल एवं ट्रामा सेंटर को ढहाने का आदेश दिया था। इसके लिए प्रबंधन को एक हफ्ते की मोहलत दी थी। उन्होंने वह फैसला राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के नियमों के हवाले से दिया था। उस नियम के तहत गंगा तट से 200 मीटर के दायरे में किसी तरह के पक्के निर्माण पर पूरी तरह रोक है। एसडीएम ने अपने आदेश में कहा था कि एनजीटी के तय मानक की अनदेखी कर हॉस्पिटल का भवन और कैंपस बना है।
यह भी पढ़ें–लंका मैदान में नहीं लगेगा दशहरा मेला
एसडीएम के उस आदेश को हॉस्पिटल प्रबंधन ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट ने उस पर सुनवाई के बाद 14 अक्टूबर को अपने फैसले में कहा कि इस मामले में याचि उचित न्यायिक तरीके से चले। एसडीएम के आदेश पर आपत्ति को डीएम के स्तर से दस दिन में निस्तारित किया जाए। जाहिर था कि हॉस्पिटल प्रबंधन के लिए वह फौरी ‘उच्च राहत’ थी। उस आदेश के बाद हॉस्पिटल प्रबंधन डीएम कोर्ट में अर्जी लगाई। डीएम एमपी सिंह ने अपनी अगुवाई में आठ सदस्यीय बोर्ड गठित कर हॉस्पिटल प्रबंधन की दलीलों, साक्ष्यों को सुना और समझा। दो दिनों तक लंबी सुनवाई के बाद आखिर बोर्ड ने अपना बहुप्रतीक्षित फैसला सुना दिया। उसके मुताबिक एसडीएम सदर के आदेश के विरुद्ध हॉस्पिटल प्रबंधन की अपील को खारिज कर एसडीएम कोर्ट के फैसले पर मुहर लगा दी गई है। आठ सदस्यीय बोर्ड में जिला पंचायत चेयरमैन, नगर पालिका चेयरमैन, पीडब्ल्यूडी तथा जल निगम एक्सईएन वगैरह शामिल थे।