भाजपा के पूर्व एमएलसी प्रो.बाबू लाल बलवंत पंचतत्व में विलीन

गाजीपुर। भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व एमएलसी प्रो. बाबूलाल बलवंत (79) मंगलवार की शाम पंचतत्व में विलीन हो गए। मुखाग्नि उनके कनिष्ठ पुत्र वैभन ने दी।
उसके पहले उनकी अंतिम यात्रा शहर के तिलक नगर स्थित आवास से निकली। पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव सदर ब्लॉक के बिरहिमाबाद (बवेड़ी) ले जाया गया जहां ग्रामीणों के अंतिम दर्शनार्थ रखा गया। फिर भाजपा के टैक्सी स्टैंड स्थित नगर कार्यालय लाया गया। पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं ने श्रद्धा सुमन अर्पित किया। पार्टी जिलाध्यक्ष भानुप्रताप सिंह ने पार्टी का झंडा ओढ़ाया। उसके बाद अंतिम यात्रा श्मशानघाट पहुंची। उस मौके पर इस अवसर पर जमानियां विधायक सुनीता सिंह, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष सरोज कुशवाहा, जिला महामंत्री दयाशंकर पांडेय, ओम प्रकाश राय, प्रवीण सिंह, रामनरेश कुशवाहा, विजय शंकर राय, विनोद अग्रवाल, अवधेश राजभर, जिला उपाध्यक्ष श्याम राज तिवारी, ,कुंवर रमेश सिंह पप्पू, अखिलेश सिंह, अच्छे लाल गुप्त, सुनील सिंह, रुद्रा पांडेय, साधना राय, मनोज बिंद, ओमप्रकाश राम, प्रदीप पाठक, लाल जी गोंड, शैलेश राम, योगेश सिंह, मीडिया प्रभारी शशि कांत शर्मा संकठा मिश्र, गिरजा शंकर पांडेय, अजय राय दारा, अमरेश गुप्त, राम धीरज शास्त्री, चतुर्भुज चौबे, सुमित तिवारी, सुरेश बिंद, अनिल यादव, ओंकार सिंह, सुनील कुमार, विनीत शर्मा, मन्नू राजभर, कुंवर बहादुर सिंह, रासबिहारी राय, जगदीश सिंह, रामेश्वर तिवारी, सुधीर केशरी, गजाधर शर्मा गंगेश, जगदीश सिंह, अविनाश सिंह के अलावा सपा जिलाध्यक्ष रामधारी यादव, सूरज राम बागी आदि उपस्थित रहे। प्रो. बाबूलाल बलवंत अपने पीछे पत्नी, दो पुत्र, दो पुत्रियों को छोड गए हैं। इनके एक दामाद आईपीएस और दूसरे दामाद पीपीएस अधिकारी हैं।
प्रो. बलवंत मंगलवार की सुबह लगभग छह बजे तिलकनगर स्थित आवास पर अचानक हृदय गति रुक गई थी। वह रोज की तरह सुबह उठे और बाथरूम में गए लेकिन गिर पड़े। उसके बाद उनके सीने में तेज दर्द शुरू हो गया। स्वजनों की सूचना पर पारिवारिक चिकित्सक आए। उसके कुछ ही पल बाद उनकी सांसें थम गईं। प्रो. बलवंत भाजपा की सोशल इंजीनियरिंग के प्रतीक थे। साल 2000-2006 तक पार्टी के एमएलसी रहे। वह आजीवन अपनी अति पिछड़ी बिंद बिरादरी को शैक्षणिक, राजनीतिक उत्थान के जरिये विकास की मुख्यधारा से जोड़ने में लगे रहे। प्रो.बलवंत पीजी कॉलेज में शिक्षा विभाग में शिक्षक के पद से सेवा निवृत्त थे। कोरोना की दूसरी लहर में सांस रोग से पीड़ित हुए थे। जिला अस्पताल में 13 दिनों तक भर्ती रहे। उसके बाद से तिलक नगर स्थित अपने आवास पर स्वास्थ्य लाभ ले रहे थे।
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