वक्त आने पर अफजाल-मुख्तार भी सपा में लौटेंगेः सिबगतुल्लाह

गाजीपुर। वाकई! सियासत में कुछ भी निश्चित नहीं। पांच साल पहले जिन अंसारी बंधुओं को लेकर सपा मुखिया अखिलेश यादव इस कदर बिदके थे कि पार्टी की ही ‘बाट’ लग गई थी और अब उन्हीं अंसारी बंधुओं के पार्टी में लौटने पर गर्मजोशी से स्वागत को वह तैयार बैठे हैं। इसका एहसास शनिवार की सुबह लखनऊ स्थित पार्टी मुख्यालय में हुआ।
मौका था पूर्व विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी और उनके बेटे मन्नू अंसारी का पार्टी में वापसी का। खुद पार्टी मुखिया अखिलेश यादव पिता-पुत्र का पूरी गर्मजोशी के साथ स्वागत करते हुए अपने हाथों पार्टी की सदस्यता दिए और कहे कि इनके आने से पार्टी को और मजबूती मिलेगी। पार्टी की सदस्यता लेने के बाद लखनऊ स्थित अपने आवास पर मीडिया के एक सवाल पर सिबगतुल्लाह अंसारी ने कहा-आज का वक्त हमारे नाम तय था कि हम सपा में लौटे। अफजाल अंसारी और मुख्तार अंसारी के लिए भी वक्त आएगा कि वह सपा में लौटेंगे। यह वक्त का तकाजा है कि सपा से दूर हुए लोग फिर लौटें। एक खबरिया चैनल से खास बातचीत में सिबगतुल्लाह अंसारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर सीधा हमला किए। कहे कि वह एक संत हैं लेकिन उनका आचरण संत वाला नहीं है। संत किसी का घर नहीं उजाड़ता। किसी की दुकान नहीं ढाहता। सड़क नहीं खोदवाता। अपने भाई मुख्तार अंसारी के सवाल पर उनका कहना था कि मुख्तार को सरकार भले अपराधी कहे। माने लेकिन जनता उन्हें अपराधी नहीं मानती। यही वजह है कि मऊ की जनता लगातार पांच चुनावों से उन्हें जीताकर विधानसभा में पहुंचा रही है। मालूम हो कि सिबगतुल्लाह अंसारी के दोनों छोटे भाई सांसद गाजीपुर अफजाल अंसारी और विधायक मऊ मुख्तार अंसारी फिलहाल बसपा में बने हुए हैं। खुद सिबगतुल्लाह अंसारी भी 2017 का विधानसभा चुनाव अपनी परंपरागत सीट मुहम्मदाबाद से बसपा के टिकट पर लड़े थे लेकिन हार गए थे।
…और अंबिका भी घर लौटे
प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी भी शनिवार को सपा में लौट आए। पार्टी के प्रदेश मुख्यालय लखनऊ में मुखिया अखिलेश यादव की मौजूदगी में उन्होंने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। साल 2017 के विधानसभा चुनाव के वक्त वह बसपा के टिकट पर बलिया की अपनी परंपरागत सीट फेफना से लड़े थे लेकिन हार गए थे लेकिन हालिया पंचायत चुनाव में उनके बेटे आनंद चौधरी बतौर सपा उम्मीदवार बलिया जिला पंचायत चेयरमैन चुने गए। उसके बाद से ही अंबिका चौधरी के सपा में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे थे। सपा में वापसी पर वह काफी भावुक हो गए थे। रुंधे गले से वह कहे-आज का दिन सपा में उनके लिए पुनर्जन्म जैसा है। वह अखिलेश को 2022 में मुख्यमंत्री बनाने के संकल्प के साथ पार्टी को मजबूती प्रदान करेंगे।