यूपी बोर्ड: प्रस्तावित परीक्षा केंद्रों की सूची में संघ और भाजपा के कई नेताओं के स्कूल गायब

गाजीपुर। यूपी बोर्ड की प्रस्तावित परीक्षा केंद्रों की जारी सूची को लेकर सवाल उठने लगे हैं। सबसे ज्यादा प्रतिक्रिया सत्ताधारी भाजपा के साथ ही आरएसएस में हो रही है। इनसे जुड़े कई वरिष्ठ नेताओं और पदाधिकारियों के प्रबंधन वाले स्कूलों को उस सूची में जगह नहीं मिली है जबकि वह स्कूल परीक्षा केंद्र बोर्ड के तयशुदा मानक पूरा करते हैं।
सूची में इस गड़बड़ी के लिए भाजपा और संघ के लोग सीधे तौर पर डीआईओएस कार्यालय को जिम्मेदार बता रहे हैं। उनका कहना है कि इसके पीछे मंशा धन उगाही की है।
जारी सूची के हिसाब से इस साल 22 परीक्षा केंद्र बढ़े हैं। पिछले साल 228 परीक्षा केंद्र बने थे और इस साल कुल 250 केंद्र प्रस्तावित हैं। इन केंद्रों में ऐसे भी स्कूल शामिल कर लिए गए हैं जहां आवंटित परीक्षार्थियों की संख्या के हिसाब से सीटिंग कैपेसिटी कम है। जाहिर है कि उस दशा में वहां कोविड-19 के प्रोटोकॉल के तहत परीक्षा कराना मुश्किल होगा। फिर कई स्कूलों के छात्रों के परीक्षा केंद्र तय मानक से हटकर काफी दूर बना दिए गए हैं।
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हालांकि प्रस्तावित परीक्षा केंद्रों को लेकर 30 जनवरी की शाम पांच बजे तक आपत्तियां ली जाएंगी। यह आपत्तियां डीआईओएस ऑफिस में प्राप्त की जाएंगी। उसके बाद आपत्तियों का निस्तारण डीएम की अगुवाई वाली जिला स्तरीय कमेटी करेगी। फिर नौ फरवरी तक संशोधित सूची को बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा। बोर्ड उसके बाद परीक्षा केंद्रों की अंतिम सूची जारी करेगा।