बहुचर्चित उसरी कांड में मुख्तार अंसारी की अर्जी खारिज

गाजीपुर। मुहम्मदाबाद कोतवाली के बहुचर्चित उसरी कांड में एमपी-एमएलए कोर्ट प्रयागराज ने वादी मुकदमा मुख्तार अंसारी की अर्जी खारिज कर दी है। उसरी कांड की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही है। उस कांड में मुख्तार अंसारी के जानी दुश्मन बाहुबली एमएलसी बृजेश सिंह मुख्य आरोपी हैं जबकि वादी मुकदमा खुद मुख्तार अंसारी हैं। वह इन दिनों पंजाब के रोपड़ जेल में निरुद्ध हैं। उसरी कांड के मुकदमे में एमपी-एमएलए कोर्ट में उनकी गवाही होनी है। इसके लिए उन्होंने सुरक्षा का हवाला देते हुए कोर्ट में अर्जी दी थी कि उनकी गवाही बजरिये वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग दर्ज की जाए लेकिन न्यायाधीश आलोक श्रीवास्तव ने अर्जी खारिज करते हुए कहा कि अव्वल तो उनकी कोर्ट में वीडियो कान्फ्रेंसिंग की सुविधा नहीं है। लिहाजा वादी मुकदमा मुख्तार अंसारी को छोड़ कर अन्य गवाहों के बयान दर्ज कराया जाए। इसके लिए उन गवाहों की सुरक्षा एसएसपी प्रयागराज और एसपी गाजीपुर सुनिश्चित करेंगे। न्यायाधीश ने अन्य गवाहों के बयान दर्ज करने के लिए तीन फरवरी को पत्रावली पेश करने को कहा। इस मामले में अभियोजन के मुख्तार सहित कुल 46 गवाह हैं।
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मालूम हो कि 15 जुलाई 2001 को मुहम्मदाबाद कोतवाली की उसरी चट्टी के पास मुख्तार अंसारी के काफिले पर हमला हुआ था। उसमें मुख्तार अंसारी घायल हुए थे जबकि उनके सरकारी अंगरक्षक सहित दो लोगों की मौत हो गई थी। जवाबी कार्रवाई में एक हमलावर मनोज राय भी मारा गया था। वह बक्सर (बिहार) के राजपुर थानांतर्गत सगरा गांव का रहने वाला था। उस हमले में एके-47 जैसे घातक असलहे का इस्तेमाल हुआ था। उस मामले में मुख्तार अंसारी ने बृजेश सिंह व उनके राइटहैंड त्रिभुवन सिंह वगैरह को नामजद किया था।
कोर्ट में बृजेश सिंह सहित सभी अभियुक्तों के विरुद्ध 13 जनवरी 2013 को आरोप भी तय हो गया था। हालांकि वाराणसी जेल में निरुद्ध बाहुबली एमएलसी बृजेश सिंह ने इस मामले में हाईकोर्ट से जमानत पर अपनी रिहाई की कोशिश की थी लेकिन उन्हें निराशा ही मिली।हाईकोर्ट ने नवंबर में इस आशय की उनकी याचिका खारिज कर दी थी।