ससुराल में घरजमाई का कत्ल! मूलतः बहादुरगंज का रहने वाला था कलाम

गाजीपुर। ससुराल से तीन दिनों से लापता घरजमाई की शुक्रवार की सुबह कब्रिस्तान में पेड़ से लटकती लाश मिली। मामला बहरियाबाद थाने के चकफरीद गांव का है। हालांकि मृतक के साले ने इसे खुदकुशी का मामला बताया है लेकिन परिस्थितिजन्य साक्ष्य कत्ल की ओर इशारा कर रहे थे। मृतक कलाम कुरैशी (50) मूलतः कासिमाबाद थाने के बहादुरगंज कस्बे का रहने वाला था।
गांव के कब्रिस्तान में कलाम कुरैशी की लाश मिलने की सूचना उसके साले मुस्तफा ने ही पुलिस को दी। तहरीर में बताया कि उसके बहनोई तीन दिन पहले घर से निकले थे। उसने अपने स्तर से उनकी तलाश की काफी कोशिश भी की थी। मौत के बारे में बताया कि उसके बहनोई ने फांसी लगाई है।
हालांकि मौके के सबूत कुछ और ही कहानी कह रहे थे। घर से लगभग 150 मीटर दूर कुटिया स्थित कब्रिस्तान में जंगली पेड़ की डाल पर प्लास्टिक की रस्सी के फंदे के सहारे शरीर का आधा हिस्सा करीब ढाई फुट ऊपर था जबकि शेष हिस्सा जमीन पर था। उसके दोनों पैर, हाथ और कमर में कई जगह खरोंच के निशान थे और खून रिसा था। खून के रंग काले पड़ चुके थे। जिला मुख्यालय से पहुंची फॉरेंसिक टीम मौके से जरूरी सबूत एकत्र की। इसी बीच भरोसेमंद सूत्रों ने बताया कि पीएम रिपोर्ट में भी कत्ल की लगभग पुष्टि हो गई है। कलाम को गला घोंट कर मौत की नींद सुलाया गया। उसकी मौत करीब डेढ़ दिन पहले हुई थी। इससे यह लगभग तय है कि कलाम की हत्या कहीं अन्यत्र हुई और मौका मिलने पर लाश को हड़बड़ी में कब्रिस्तान में लाकर पेड़ की डाल से जैसे-तैसे लटका दिया गया।
कलाम जानवरों की खरीद फरोख्त करता था। वह अपने घर बहादुरगंज भी जाता-आता रहता था। दस दिन पहले भी वह अपने चाचेरे भाई की शादी में बहादुरगंज गया था। कलाम ने दो शादी की थी। चकफरीद की मूक-बधिर आसमां उसकी दूसरी बीवी थी। पहली बीवी से उसका पहले ही तलाक हो चुका था। वह बहादुरगंज में ही किराए के मकान में संतानों संग रहती है। दूसरी बीवी आसमां से कोई संतान नहीं है। कलाम बहादुरगंज में हिस्से में मिली पुश्तैनी अचल संपत्ति अपने भाई को बेच दिया था।