मंडल अध्यक्ष ने सेक्टर संयोजक की `प्योरिटी` साबित कर जिला नेतृत्व को दिया जवाब!

गाजीपुर। भाजपा के जिला नेतृत्व समूह और निचली इकाइयों में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। आए दिन ऐसी खबरें मिलती रहती हैं। इसीक्रम में एक और खबर मिली है। सदर मंडल पूर्वी के अध्यक्ष धर्मेंद्र कुशवाहा ने अपने सेक्टर प्रमुख वीरेंद्र यादव के पार्टी के प्रति समर्पण का सबूत जिला नेतृत्व को अपने अंदाज में दे दिया है। इसको लेकर जिला नेतृत्व समूह में बेचैनी है।
धर्मेंद्र कुशवाहा ने इसके लिए पार्टी के महापुरुष पं.दीनदयाल उपाध्याय की पुण्य तिथि को अवसर बनाया। सेक्टर संयोजक वीरेंद्र यादव के आवास चक हुसाम पर मंडल इकाई की ओर से कार्यक्रम आयोजित किया। मंडल के लगभग सभी पदाधिकारी उसमें प्रतिभाग किए। उस पूरे कार्यक्रम की मय फोटो पूरी खबर मंडल के पदाधिकारियों ने सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर पहुंचाया। हैरानी नहीं कि ऐसा कर उन्होंने जिला नेतृत्व समूह को यह संदेश पहुंचाने की कोशिश की है कि जिस वीरेंद्र यादव को समाजवादी पार्टी का बताया जा रहा है, वह शुद्ध रूप से भाजपा के अंग हैं और पूरी भाजपा की मंडल इकाई उनके साथ खड़ी है।
दरअसल वीरेंद्र यादव को लेकर पार्टी की सदर मंडल पूर्वी इकाई और जिला नेतृत्व समूह के बीच तल्खी की नौबत बीते रविवार को आई थी। वीरेंद्र यादव के पिता जयराम यादव की मामूली विवाद को लेकर पटीदारों से मारपीट हो गई थी। मामला शहर कोतवाली तक पहुंच गया था। वहां भाजपा के ही एक जिला पदाधिकारी के कहने पर एकपक्षीय कार्रवाई करते हुए पुलिस वीरेंद्र यादव तथा उनके पिता जयराम यादव को न सिर्फ हवालात में डाल दी थी बल्कि उन पर गंभीर धाराएं भी लगाने की तैयारी शुरू कर दी थी। उसकी खबर जब सदर मंडल पूर्वी के अध्यक्ष धर्मेंद्र कुशवाहा को लगी थी तब वह सहयोगी पदाधिकारियों संग कोतवाली पहुंच गए थे। पुलिस के अन्याय की शिकायत उन्होंने पार्टी के जिला नेतृत्व समूह से की तो पीड़ित के सपा का कॉडर बताते हुए किसी तरह की मदद से उन लोगों ने साफ इन्कार कर दिया था। इस बात को लेकर पार्टी जिला कार्यालय में झड़प भी हुई थी। उसके बाद मंडल की पूरी टीम दोबारा कोतवाली लौटी थी और धमकी दी थी कि अगर सेक्टर संयोजक व उनके पिता संग अन्याय हुआ तो वह लोग कोतवाली में ही धरने पर बैठेंगे। उनके तेवर देख शहर कोतवाल ने वीरेंद्र यादव तथा उनके पिता को हवालात से बाहर निकाला और धारा 151 के तहत चालान किया था। उसके बाद मंडल टीम उनको जमानत पर रिहा करा कर लौट गई थी।
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