एमएलसी चुनावः नाटकीय अंदाज में सपा उम्मीदवार का पर्चा वापस

गाजीपुर। स्थानीय निकाय के एमएलसी चुनाव में बुधवार की दोपहर बड़ा ट्विस्ट आया। सपा उम्मीदवार भोला नाथ शुक्ल ने अपना नाम वापस ले लिया। उन्हीं के साथ भाजपा उम्मीदवार विशाल सिंह चंचल के पिता देवेंद्र सिंह का भी पर्चा वापस हो गया। नाम वापसी की अंतिम तारीख 24 मार्च है।
हालांकि इस चुनाव में दूसरे निर्दल उम्मीदवार मदन यादव ने अपना नाम वापस नहीं लिया है। भाजपा की पूरी कोशिश है कि मदन यादव का भी पर्चा किसी तरह वापस हो और गाजीपुर में निर्विरोध एमएलसी निर्वाचित होने का इतिहास उनके नाम बन जाए।
शायद यही वजह है कि मदन यादव पर अपना नाम वापस लेने का दबाव बनना शुरू हो गया है। वह अपनी ग्राम पंचायत अधियारा ब्लॉक जमानियां के प्रधान हैं। पिछले सत्र में उनकी पुत्री रेनू देवी प्रधान थीं। दोनों सत्रों में उनकी ग्राम पंचायत में हुए विकास कार्यों और सरकारी योजनाओं की उपलब्धियों की जांच शुरू हो गई है। जांच टीम मंगलवार की शाम को ही उनके घर धमक गई थी लेकिन तब से वह भूमिगत हैं। भाजपा के चुनाव अभियान में शामिल लोग उन्हें ढूंढने के लिए आकाश-पताल एक कर दिए हैं। यहां तक कि उनकी तलाश में एसएचओ सुहवल एसएस आदर्श को भी लगा दिया गया है। सर्विलांस टीम भी उनकी टोह में लगी है। बावजूद उनकी कोई लोकेशन नहीं मिल रही है।
अगर मदन यादव का नामांकन वापस नहीं हुआ तो तय है कि भाजपा के निर्विरोध चुनाव जीतने के सारे उपाय धरे के धरे रह जाएंगे और उसके उम्मीदवार विशाल सिंह चंचल से मदन यादव का सीधा मुकाबला होगा।
उधर सपा उम्मीदवार भोला नाथ शुक्ल की संदिग्धता का एहसास एक दिन पहले ही होने लगा था। उनका और भाई रामचंद्र शुक्ल तथा पुत्र संदीप शुक्ल के फोन के स्विच ऑफ हो चुके थे। सपा के नवनिर्वाचित विधायक और वरिष्ठ नेता दूसरे माध्यमों से उनसे संपर्क की कोशिश करते रहे लेकिन आखिर में उनकी लोकेशन तब मिली जब वह नाटकीय अंदाज में भाजपा उम्मीदवार विशाल सिंह चंचल संग अपना नाम वापस लेने के लिए राइफल क्लब पहुंचे। काफिले की अगली गाड़ी में चंचल थे जबकि पिछली गाड़ी में चंचल के पिता देवेंद्र सिंह तथा सपा उम्मीदवार भोलानाथ शुक्ल थे। काफिले के राइफल क्लब पहुंचने से पहले ही सीओ सिटी ओजस्वी चावला की अगुवाई में पुलिस फोर्स राइफल क्लब के पास डट गई और आसपास मौजूद लोगों को हटा-बढ़ा दिया गया। काफिले की अगली दो गाड़ियां निर्वाचन कार्यालय के रास्ते राइफल क्लब तक गईं। शेष गाड़ियों को सड़क पर ही रोक दिया गया।