ओलंपिक पदक विजेता भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़ी ललित उपाध्याय करमपुर आएंगे

गाजीपुर। ”…जिस माटी में उसका पसीना गिरा उस माटी में वह फूल बनकर खिला।“ टोक्यो ओलंपिक से लौटे भारतीय हॉकी टीम के स्टार खिलाड़ी ललित उपाध्याय 12 अगस्त को उसी माटी (मेघबरन सिंह स्टेडियम करमपुर) को नमन करने पहुंचेंगे। जहां वह करीब सात साल रहकर अपना पसीना बहाए।
वहां ललित उपाध्याय को सब कुछ मिलेगा, जिन्हें वह छोड़ कर गए थे। वही खेल मैदान। वही साथी खिलाड़ी। वही आबो-हवा। बस नहीं मिलेगा तो गुरु तेजबहादुर सिंह का स्नेह, दुलार, आदर जिनकी छत्रछाया में उन्होंने पेनाल्टी कॉर्नर, ड्रिबल, फ्लिक, फ्री-हिट, स्कूप, कॉर्नर शॉर्ट, स्क्वेयर पास, सर्कल स्ट्राइकिंग, टैकल वगैरह की बारीकियां जानी और सीखी थी। ललित उपाध्याय के लिए यह दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि उधर वह टोक्यो ओलंपिक में जाने के लिए तैयारी शिविर में थे और इधर उनके गुरु तेजबादुर सिंह को कोरोना की शकल में आया क्रूर काल लील लिया। निःसंदेह गुरु की नामौजूदगी उन्हें कचोटेगी। वह खाली हाथ नहीं बल्कि अपनी टीम संग दुनिया के सामने अपने भारत का तिरंगा फहरवाकर, धुन बजवाकर देश लौटने का गौरव लेकर जो आएंगे। तब गुरु होते तो वह उन्हें किस अंदाज में लेते। उनका क्या भाव होता। शायद इसका एहसास ललित उपाध्याय को ही होगा।
वैसे मेघबरन सिंह स्टेडियम प्रबंधन की तैयारी यही है कि स्टेडियम में ललित उपाध्याय का जोरदार इस्तकबाल हो। इस तैयारी में जुटे स्व. तेजबहादुर सिंह के अनुज पूर्व सांसद राधेमोहन सिंह बताए कि ललिल उपाध्याय वाराणसी से चलकर मेघबरन सिंह स्टेडियम करमपुर में सुबह नौ बजे पहुंचेंगे। गाजीपुर की सीमा में प्रवेश के साथ ही सिधौना सहित जगह-जगह स्वागत होगा। पूर्व सांसद ने उस मौके पर मेघबरन सिंह स्टेडियम करमपुर में गाजीपुर के खेल प्रेमियों से भी पहुंचने का आग्रह किया है।