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एसटीएफ के हत्थे चढ़ा मुख्तार का एंबुलेंस चालक

गाजीपुर। मुख्तार का एंबुलेंस चालक सलीम एसटीएफ के हत्थे चढ़ गया। यह कामयाबी मंगलवार की देर शाम करीब छह बजे लखनऊ के जानकीपुरम थाना क्षेत्र के पायनियर स्कूल के पास मिली। सलीम पर कुल 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था। वह मुख्तार के ही गृह कस्बा यूसुफपुर के वार्ड 12 में मंगल बाजार का रहने वाला है।

एसटीएफ की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक एसटीएफ की वाराणसी यूनिट को सर्विलांस के जरिये यह पता चला कि सलीम लखनऊ में है। उसके बाद यूनिट के इंस्पेक्टर पुनित परिहार की अगुवाई में टीम लखनऊ पहुंची और सलीम को धर दबोची। जहां सलीम की तलाश एंबुलेंस के फर्जीवाड़े के बहुचर्चित मामले में बाराबंकी पुलिस को थी। वहीं असलहा लाइसेंस की जालसाजी में मऊ पुलिस उसे तलाश रही थी। मऊ पुलिस ही उसके सिर पर इनाम घोषित की थी। मऊ के दक्षिण टोला थाने में वह मामला भी इसी साल दर्ज हुआ था।

पूछताछ में सलीम ने बताया कि साल 2000 से पहले वह मुख्तार अंसारी के चचाजात ससुर अताउर्रहमान उर्फ बाबू की मारुति स्टीम कार चलाता था। उसका पंजीकरण नंबर चंडीगढ़ का था। मालूम हो कि अताउर्रहमान करीब ढाई दशक पहले हुए कोयला व्यवसायी और विहिप नेता नंदकिशोर रुंगटा के अपहरण कांड का मुल्जिम है और तब से फरार चल रहा है। उस पर भी दो लाख रुपये का इनाम घोषित है।

उधर बाराबंकी पुलिस एंबुलेंस के फर्जीवाड़े में मुल्जिम मऊ की प्रमुख महिला चिकित्सक अलका राय के अलावा वहीं के शेषनाथ राय, राजनाथ यादव व आनंद यादव को जेल भेज चुकी है। उस मामले में मुख्तार अंसारी की ससुराल मुहम्मदाबाद कोतवाली स्थित महरुपुर का अफरोज खान उर्फ चुन्नू पहलवान भी मुल्जिम है।

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