मुख्तार अंसारी को खुद की हत्या का डर, बांदा जेल में निरुद्ध हैं मऊ विधायक

गाजीपुर। बांदा जेल में निरुद्ध मऊ विधायक मुख्तार अंसारी को अपनी हत्या की आशंका सता रही है। एंबुलेंस प्रकरण में बाराबंकी की एमपी-एमएलए कोर्ट में सोमवार को उनकी वर्चुअल पेशी थी।
उसी दौरान उन्होंने जज से कहा कि बांदा जेल में उनकी हत्या की साजिश हो रही है। यहां तक उन्हें पता चला है कि उनकी हत्या के लिए पांच करोड़ रुपये की सुपारी देने की पेशकश हुई है। अपने आरोप को और पोख्ता बनाने के लिए उन्होंने कहा कि बांदा जेल में बगैर कागजी खानापूर्ति किए अधिकारी और संदिग्ध आ-जा रहे हैं। इतना ही नहीं उस वक्त जेल गेट पर लगे सीसीटीवी कैमरों को भी इधर-उधर कर दिया जा रहा है। ताकि वह लोग उन कैमरों की जद में आने से बचे रहें।
पेशी के बाद मुख्तार के वकील रणधीर सिंह सुमन ने मीडिया कर्मियों को यह जानकारी देते हुए बताया कि मुख्तार ने कोर्ट से गुजारिश करते हुए कहा कि बांदा जेल की इंट्री रजिस्टर तथा सीसीटीवी फुटेज तलब कर उनके आरोपों की पुष्टि की जाए। एमपी-एमएलए कोर्ट की प्रभारी जज मौसमी मधेसिया ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 27 अगस्त की तारीख मुकर्रर कर दी।
…और यह है एंबुलेंस प्रकरण
यह प्रकरण तब सामने आया था जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पंजाब की मोहाली जेल से मुख्तार को यूपी की जेल में शिफ्ट करने की कवायद शुरू हुई थी। तब मोहाली पहुंची एंबुलेंस के रजिस्ट्रेशन नंबर ने मीडिया का ध्यान खींचा था। वह नंबर यूपी के बाराबंकी जिले की सीरिज का था। मीडिया में हो-हल्ला के बाद जांच हुई तो पता चला कि जालसाजी कर वह नंबर आवंटित कराया गया है। पुलिस की विवेचना में मुख्तार के अलावा उनके निर्वाचन क्षेत्र मऊ की प्रमुख चिकित्सक अलका राय, उनके सहयोगी शेषनाथ राय सहित राजनाथ यादव, आनंद यादव, मोहम्मद शोएब मुजाहिद, सलीम, अली मोहम्मद जाफरी उर्फ शाहिद, जफर उर्फ चंदा, अफरोज उर्फ चुन्नू पहलवान वगैरह मुल्जिम बनाए गए। इनमें एक-दो को छोड़कर शेष सभी को बाराबंकी पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।