मुहम्मदाबादः नए चेहरे होंगे मुकाबिल !

गाजीपुर (जयशंकर राय)। विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही माह शेष रह गए हैं। उसको लेकर राजनीतिक दल अपने-अपने रंगमंचों को सजाने की तैयारी शुरू कर दिए हैं।
उनका मंचन कैसा होगा। उनका किरदार कौन होगा। यह सब आखिर में पर्दा उठने पर सामने आएगा लेकिन तैयारियां देख तय है कि मुहम्मदाबाद विधानसभा क्षेत्र में विकास के मुद्दे की जगह इस बार भी ‘बाहुबली-बाहुबली’ और ‘सामंतवादी-सामंतवादी’ ही खेला जाएगा। हर प्रमुख लड़वइया इस मामले में प्रतिद्वंद्वी के आगे स्वंय को और अधिक शक्तिवान, और अधिक सामर्थ्यवान, और अधिक समृद्धवान साबित करने का प्रयास करेगा। लड़वइये और उनके आका अपनी राजनीतिक चतुराई से, अपनी वाकपटुता से, अपने दांव-पेंच से वोटरों में मनमाफिक जज्बाती रंग भरने की कोशिश करेंगे। ताकी उन रंगों में सराबोर कर वोटरों में कहीं ख़ुशी और ग़म, कहीं हंसी और उदासी, कहीं प्रेम और क्रोध फिर उकसे। तब उनका ध्रुवीकरण फिर अपने लिए सहजता से किया जा सके।
…और एक बात यह कि इस बार मुहम्मदाबाद विधानसभा क्षेत्र में यह भी संभाव्य है कि नए चेहरे मैदान में आ सकते हैं। बल्कि दो परंपरागत घराने अपनी नई पीढ़ी को मौका दे सकते हैं। मौजूदा विधायक अलका राय के बेटे पीयूष राय और पूर्व विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी के बेटे मन्नू अंसारी की चहलकदमी, पहलकदमी कुछ ऐसा ही बयां कर रही है। इन दोनों के बीच एक नाम और तेजी से उभर कर सामने आ रहा है। घोसी सांसद अतुल राय के भाई पवन राय का। जाहिर है कि दोनों घरानों से एकदम अकुता चुके लोगों के बीच पवन राय खुद को विकल्प के रूप में दमदारी से पेश करेंगे। मतलब नए मुद्दे तलाशकर और फिर उसे तराशकर उसके जरिये तीसरी लकीर खींचने की कोशिश करेंगे। उनकी यह कोशिश शुरू भी हो गई है। लोग खासकर नौजवान उनकी ओर रिझते दिखने भी लगे हैं।
…तब सवाल यह भी कि इन तीनों नए चेहरों के हाथों में किस दल के झंडे-डंडे होंगे। हालांकि भाजपा का एक बड़ा खेमा यह मान कर चल रहा है कि भाजपा मौजूदा विधायक अलका राय या उनके बेटे पर दाव नहीं लगाएगी। बल्कि किसी और को अपना चेहरा बनाएगी। उनमें पूर्व विधायक पशुपतिनाथ राय का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। पशुपतिनाथ राय की ओर से पार्टी के शीर्ष नेताओं की परिक्रमा से उनकी दावेदारी की चर्चा को और बल मिल रहा है लेकिन विधायक अलका राय और उनके बेटे पीयूष राय अपने टिकट को लेकर आश्वस्त हैं। उधर घोसी सांसद अतुल राय के भाई पवन राय के लोग दावा कर रहे हैं कि बसपा से उनका टिकट पक्का है। उस दशा में मन्नू अंसारी का झंडा-डंडा क्या होगा। पिछले चुनाव में मन्नू अंसारी के पिता पूर्व विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी बसपा के टिकट पर लड़े थे। फिर उनके चाचा अफजाल अंसारी आज भी बसपा से गाजीपुर सांसद हैं और दूसरे चाचा मुख्तार अंसारी बसपा से मऊ सदर विधायक हैं लेकिन कयासबाजी यही हो रही है कि सिबगतुल्लाह-मन्नू समाजवादी पार्टी का दामन थामेंगे। तब क्या उन्हें समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव सहजता से कबूल लेंगे। इस बात पर दलील यह दी जा रही है कि अखिलेश यादव अपने चाचा शिवपाल यादव से चुनावी समझौता करेंगे और अंसारी परिवार समेत उन सारे लोगों को शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) में खपने का मौका दिलाएंगे, जिनसे पिछले चुनाव में तोबा-तोबा किए थे।