प्रतिशोध में उबल रहे भैंसे के चलते खुद को घर में घंटों कैद रखा किसान परिवार

गाजीपुर। मौका पड़ने पर किसी भैंसे के शेर, बाघ तक से मोर्चा लेने के वाकये तो जब तब सुनने को मिलते ही रहते हैं लेकिन मरदह थाने के नोनरा गांव में एक भैंसे ने वह कर दिया, जिसे गांव के किसान रामधारी गोंड और उनका परिवार ताजीवन उसे याद रखेगा।
गांव के बाहरी हिस्से में रामधारी गोंड का घर है। सोमवार की दोपहर करीब 12 बजे वह बिगड़ैल भैंसा उनके दरवाजे पर बंधी भैंस, गाय के पास आया। फिर उनके धान के खेत में चला गया। भगाने के लिए रामधारी उस पर एक लाठी जड़ दिए। फिर क्या भैंसा गुस्से में फूंफकारते हुए रामधारी को दौड़ा लिया। रामधारी बचने की गरज में भाग कर अपने घर में पहुंचे और दरवाजा बंद कर लिए। जैसे तैसे परिवार की रात कटी। सुबह हुई तो घर का दरवाजा खुला। यह देख भैंसा फुंफकारते हुए उधर की ओर लपका। भैंसा के गरम मिजाज को भांप कर घर का दरवाजा फिर अंदर से बंद कर लिया गया। यह क्रम कई बार हुआ। जब घर का दरवाजा अंदर से खुलता तब भैंसा नथुना फुलाते हुए उधर की ओर लपकता।
भैंसा से मुक्ति के लिए परिवार ने फोन के जरिये ग्रामीणों सहित पुलिस तक से गुहार लगाई। ग्रामीण मौके पर पहुंचे और दूर से ही लाठी-डंडे पटकने लगे। बावजूद भैंसा अपनी जगह जमा रहा। बल्कि अति उत्साही युवक कमलेश विश्वकर्मा (40) को हमला कर जख्मी कर दिया। उसी बीच पुलिस की पीआरवी-112 टीम भी पहुंची लेकिन माजरा देख उसकी भी हिम्मत पस्त हो गई और लौट गई। उसके बाद गांव के कुछ लोग लुकार जलाकर उसे भगाने के लिए आगे आए। लुकार देख भैंसा कुछ दूर चला गया लेकिन उन लोगों के वापस जाने के बाद वह फिर लौट कर रामधारी के घर की निगरानी करने लगा।
रामधारी का लाचार परिवार मुख्यमंत्री हेल्प लाइन नम्बर और एसडीएम को भी कॉल किया लेकिन कोई मदद नहीं मिली। मंगलवार की रात साढ़े आठ बजे समाचार लिखे जाने तक प्रतिशोध की आग में उसी तरह झुलसते हुए भैंसा रामधारी के घर के सामने जमा था और रामधारी परिवार समेत अपने घर के अंदर बंद है।