भैदपुर कांडः पूर्व विधायक की पहल पर जांच शुरू

गाजीपुर। जमानियां कोतवाली के भैदपुर की वनवासी बस्ती में पुलिस की कथित बर्बर कार्रवाई के मामले में भाजपा की पूर्व विधायक सुनीता सिंह की पहल का नतीजा मिला है। पूरे मामले की जांच के लिए सोमवार को जौनपुर के सीओ केराकत शुभम तोड़ी बस्ती में पहुंचे और पीड़ितों के बयान लिए। पीड़ितों ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी और पुलिस की बर्बरता के निशान भी दिखाए। कुछ सबूत भी दिए। पीड़ित महिलाओं ने बताया कि पुलिस घटना की रात कैसे जालिम बन गई थी। उनके चेहरे पर पुलिसिया जुल्म का दर्द साफ दिख रहा था। पीड़ित रूपा ने बताई कि उसका दुर्भाग्य ही था कि घटना के दिन ही वह अपनी ससुराल से मायका भैदपुर आई थी। पुलिस कर्मी उसे भी नहीं बख्शे। वह अपने गर्भवती होने की दुहाई देती रही लेकिन जालिम पुलिस वालों ने उसके गर्भ में डंडे से संघातक प्रहार किया। उसके चलते गर्भ गिर गया। बबली, आशा, सविता, पार्वती ने भी पुलिस के जुल्म की सिलसिलेवार कहानी बताई। बस्ती के पीड़ितों ने बताया कि 13 मार्च की रात करीब 12 बजे पांडेय मोड़ पर बस्ती के युवक टेलहु, नंदलाल तथा लखेंद्र ट्रक से बालू उतारकर मिली मजदूरी का बंटवारा कर रहे थे। उसी बीच पिकेट पर तैनात पुलिस कर्मी मौके पर पहुंचे और उन्हीं का बेलचा छीनकर उन्हें पीटने लगे। जब उन युवकों ने उनका विरोध किया तो जमानियां कोतवाली और आसपास की पुलिस फोर्स कुछ ही देर में बस्ती में धावा बोल दी और घरों में घुसकर तोड़ फोड़ करने लगी। जो भी पुलिस के सामने पड़ा। उसे गिरा-गिरा कर पीटा जाने लगा। यहां तक कि महिलाओं को भी बख्शा नहीं गया और बस्ती के 26 लोगों को झूठे मुकदमे लादकर जेल भेज दिया गया। उनमें छह महिलाएं भी शामिल रहीं। पुलिस की बर्बर पिटाई से जबकि पुलिस की पिटाई से बस्ती के कंचन कुमार, लखेंद्र तथा पप्पू वनवासी घायल हो गए थे। बस्ती के लोगों ने जांच अधिकारी सीओ केराकत शुभम तोड़ी को बताया कि वह इंसाफ के लिए जमानियां तहसील मुख्यालय स्थित रामलीला मैदान में पिछले पांच दिनों से बस्ती के लोग धरना दे रहे हैं। अगर उन्हें इंसाफ नहीं मिला तो वह लोकतांत्रिक तरीके से व्यापक स्तर पर आंदोलन करेंगे। सीओ केराकत ने उन्हें आश्वस्त किया कि निष्पक्ष जांच कर वह रिपोर्ट ऊपर देंगे और तय है कि दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई होगी।
मालूम हो कि घटना के बाद पुलिस ने बताया था कि बस्ती के तीन युवक गांजा पी रहे थे। पिकेट पर तैनात सिपाही अंकित कुमार व प्रकाश उनके पास पहुंचे और उन्हें टोके। तब वह सिपाहियों पर हमलावर हो गए। युवकों की शोर पर बस्ती के और भी कई लोग आ गए। खुद को क्रुध भीड़ के बीच घिरा देख दोनों सिपाहियों ने अपने कोतवाली मुख्यालय को सूचना दी। सूचना पर कोतवाली की जीप से सिपाही अमरदीप यादव, रंजीत कुमार, अंकित कुमार व राकेश सिंह मौके पर पहुंच गए। उसके बाद बस्ती के लोगों ने पुलिस कर्मियों को पथराव कर जख्मी कर दिया। पुलिस की जीप के शीशे भी तोड़ दिए। फिर तो सीओ जमानियां हितेंद्र कृष्ण व जमानियां कोतवाल संपूर्णानंद राय मय फोर्स मौके पर पहुंचे। साथ ही जमानियां सर्किल के सुहवल, रेवतीपुर, नगसर थाने की पुलिस फोर्स भी बुला ली गई थी और बस्ती में सर्च ऑपरेशन कर छह महिलाओं सहित कुल 26 को गिरफ्तार किया गया था।
इस सिलसिले में पूर्व विधायक सुनीता सिंह आईजी वाराणसी से मिलीं और पूरे घटनाक्रम की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की थी। उन्होंने आईजी से यह भी आग्रह किया था कि इसकी जांच की जिम्मेदारी गैर जिले के किसी राजपत्रित स्तर के पुलिस अधिकारी से कराई जाए। उसके बाद ही आईजी वाराणसी ने सीओ केराकत को इसकी जिम्मेदारी सौंपी। जाहिर है कि सीओ केराकत की जांच रिपोर्ट के बाद इस मामले में क्या कार्रवाई होती है।