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सूदखोरी और मुखबिरी में हुआ था बदरेआलम का कत्ल

गाजीपुर। जमानियां कोतवाली के मुहम्मदपुर के बदरेआलम का कत्ल सूदखोरी और मुखबिरी के शक में हुआ था। दो कातिलों की गिरफ्तारी के बाद यह राज खुला। दोनों की गिरफ्तारी गुरुवार की देरशाम करीब पौने पांच बजे दिलदारनगर थाने के फुल्ली पुलिया के पास हुई। उनमें संदीप गुप्त मुहम्मदपुर जबकि सूरजभान उर्फ सोनू पासी ग्राम बेटावर कला का रहने वाला है। मालूम हो कि बदरे आलम (46) का शव 26 अप्रैल की रात मुहम्मदपुर गांव से कुछ दूर दिलदारनगर थाने के शेरपुर गांव के पास खेत में मिला था। उसका गला रेता गया था।

पुलिस कप्तान रामबदन सिंह ने शुक्रवार की सुबह अपने ऑफिस में उन दोनों को मीडिया के सामने पेश किया। बताए कि इस मामले में नामजद एक ही परिवार के पांच सदस्य फिलहाल फरार हैं। उनकी सरगर्मी से तलाश की जा रही है। उनमें मुहम्मदपुर की पूर्व प्रधान का पति अब्बास खां तथा उसके पुत्र अरशद व आरिफ, भांजा इरफान व रिश्तेदार नौरेज खां शामिल है।

गिरफ्तार अभियुक्तों के हवाले से पुलिस कप्तान ने बताया कि बदरेआलम पिछले साल संदीप को हर माह दस फीसद के ब्याज पर एक लाख रुपये का कर्ज दिया था। इस साल फरवरी में संदीप के पिता ईश्वरचंद्र गुप्त ने अपनी जमीन बेचकर एक लाख रुपये बदरेआलम को दिए थे लेकिन बदरेआलम ब्याज जोड़कर उस पर एक लाख 20 हजार रुपये की और देनदारी थोपे। इसका बार-बार तगादा भी करने लगे। उनके तगादे से संदीप आजिज आ चुका था।

इस बात से वाकिफ गांव का अब्बास खां संदीप से हमदर्दी जताते हुए कहा कि उसकी समस्या का एक ही विकल्प है कि बदरेआलम इस दुनिया से ही ऊपर चला जाए। इसके लिए उसे बस इतना ही करना है कि जैसे भी बदरेआलम को शेरपुर गांव की नहर पुलिया तक ले आए। इसके एवज में वह उसको 20 लाख रुपये देगा।

दरअसल बदरेआलम पर अब्बास की चिढ़ की मुख्य वजह यह थी कि अब्बास हेरोइन की तस्करी करता था और कई बार गिरफ्तार हुआ था। उसे शक था कि हर बार उसकी गिरफ्तारी बदरेआलम की मुखबिरी पर हुई। फिर बदरेआलम उसकी संपत्ति तथा पत्नी के ग्राम प्रधान रहते ग्राम पंचायत में हुए कार्यों की भी जांच कराने के लिए अधिकारियों से शिकायत करता रहता था।

हालांकि संदीप पहले तो अब्बास की उस पेशकश को ठुकरा दिया था लेकिन जब बदरेआलम अपने तगादे को लेकर उस पर दबाव बढ़ाने लगा तब वह अब्बास की पेशकश कबूल लिया। फिर उसने अपने साथी सोनू पासी से बात किया। उसको कुल एक लाख रुपये देने का भी करार किया। सोनू संदीप का काम करने के लिए तैयार हो गया। उसके बाद संदीप  बदरेआलम को सोनू पासी के जरिये अब्बास की बताई जगह पर बुलाने का प्लान बनाया। प्लान के मुताबिक संदीप 25 अप्रैल को अपने फोन से बदरेआलम से सोनो पासी की बात कराया। सोनू पासी ने फोन पर बदरेआलम से कहा कि संदीप की देनदारी के रुपये उसके पास हैं। अगले दिन वह फोन करेगा तब वह नियत जगह पर आकर अपने रुपये ले जाएगा। संदीप ने प्लान की प्रगति से अब्बास को भी वाकिफ करा दिया।

फिर नियत दिन रात को करीब नौ बजे संदीप ने बदरेआलम को फोन किया। बदरेआलम अपनी बुलेट बाइक लेकर मौके पर पहुंच गया। जहां पहले से अब्बास भी अपने कुनबे संग मौजूद था। उसके बाद सबने मिलकर बदरेआलम का काम तमाम कर दिया।

पुलिस कप्तान ने साफ किया कि बदरेआलम के कत्ल के बाद उनकी पत्नी तमन्ना की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में संदीप गुप्त का नाम नहीं था लेकिन बदरेआलम के फोन के कॉल डिटेल्स से वारदात में संदीप की भूमिका उजागर हुई थी। अभियुक्तों की निशादेही पर घटनास्थल से थोड़ी दूर स्थित बबूल के पेड़ की झंखाड मे छिपाकर रखा गया आलाकत्ल भी बरामद कर लिया गया है। पुलिस कप्तान ने बताया कि अन्य फरार अभियुक्तों की तलाश की जा रही है।

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