कत्ल नहीं हादसा, मामला वृद्ध मोची की मौत का

गाजीपुर। सादात में वृद्ध मोची मेवालाल (65) के जिंदा जलने का मामला कत्ल का नहीं बल्कि हादसा है। पीएम रिपोर्ट में भी इस तथ्य की पुष्टि हुई है।
हालांकि अधिकृत तौर पर पुलिस पीएम रिपोर्ट के हवाले से फिलहाल कुछ भी बताने से साफ इन्कार की है लेकिन अन्य सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पीएम रिपोर्ट में मौत का कारण शत-प्रतिशत जलना आया है। मेवा लाल का शव रविवार को कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया था। उस मौके पर एसडीएम जखनियां वीरबहादुर यादव, तहसीलदार जयप्रकाश सिंह, कानूनगो हरिशंकर सिंह, चिकित्साधिकारी आर प्रसाद सहित एसओ सादात शशिचंद्र चौधरी तथा एसओ बहरियाबाद अगम दास मय फोर्स मौजूद थे।
मालूम हो कि सादात में स्टेशन मार्ग पर स्थित शिव मंदिर के निकट बीते 29 नवंबर की रात गुमटी में सोए मोची मेवा लाल राम जिंदा जल गए थे। वह उसी क्षेत्र के सरैयां गांव के रहने वाले थे और दिव्यांग थे।
हालांकि स्वजनों ने शुरू में उसे हादसा मानते हुए मेवालाल के शव को पुलिस को सूचना दिए बगैर अपनी खानदानी रीति के अनुसार शव को दफना दिया था लेकिन उसी शाम मेवालाल का पुत्र रामसेवक थाने पर पहुंच कर पड़ोसी लक्ष्मण व उनकी पुत्री मनीषा व दो पुत्रों को जिम्मेदार बताते हुए उनके खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप लगाया था कि पुरानी रंजिश को लेकर उन लोगों ने गुमटी में सोए उनके पिता को मारपीट कर जिंदा जला दिया।
पुलिस की प्रारंभिक छानबीन में यही बात सामने आई थी कि गुमटी में आग लगने का कारण महज संयोग था और उसी हादसे में मेवालाल जिंदा जले थे। मेवालाल रात में गुमटी में मोमबत्ती जलाते थे और शराब का नियमित सेवन करते थे। संभव हो कि नशे में उनके हाथों जलती मोमबत्ती गिर गई हो और उनके विस्तर के जरिये आग पूरी गुमटी को अपनी चपेट में ले ली हो। आग की लपटों में बगल की भी एक गुमटी तथा एक ठेला भी आग की जद में आ गया था। घटनास्थल का सीओ सैदपुर बलराम व फोरेंसिक टीम ने भी निरीक्षण किया था। बावजूद हत्या की एफआईआर दर्ज होने के कारण पोस्टमार्टम कराने के लिए शव को कब्र से बाहर निकालने का डीएम से पुलिस बकायदा इजाजत ली थी।