अब डीपीआरओ की जिम्मेदारी संभालेंगे कुमार अमरेंद्र

गाजीपुर। डीपीआरओ की जिम्मेदारी संभालने के लिए शासन ने कुमार अमरेंद्र की तैनाती की है। उनका मूल पद एडीपीआरओ का है और अभी तक वह विभाग के निदेशालय में तैनात थे।
विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की ओर से बीते शनिवार को इस आशय का आदेश जारी किया गया। उसमें स्पष्ट कहा गया है कि कुमार अमरेंद्र गाजीपुर डीपीआरओ का काम तब तक देखेंगे जब तक कि इस पद पर स्थाई तैनाती नहीं हो जाती। इसके लिए उन्हें अतिरिक्त वेतन, भत्ता देय नहीं होगा। मालूम हो कि कोरोना की दूसरी प्रचंड वेग के दौरान शासन ने ग्राम पंचायतों में मेडिकल किट की खरीदारी कराई थी। उसमें घोटाले की शिकायत मिलने के बाद तत्कालीन डीपीआरओ अनिल कुमार को बीते सात सितंबर को निलंबित कर दिया गया था और डीपीआरओ का काम एडीपीआरओ रमेश उपाध्याय को सौंपा गया था। तब से श्री उपाध्याय ही डीपीआरओ का काम-काज देख रहे हैं। हालांकि निलंबित डीपीआरओ अनिल कुमार बाद में हाईकोर्ट से अपनी फिर से बहाली का आदेश लाए थे और उनकी दिली इच्छा थी कि वह गाजीपुर डीपीआरओ की कुर्सी पर ही फिर बिराजें लेकिन शासन ने ऐसा नहीं किया और उनको सीधे कानपुर देहात का रास्ता दिखा दिया।
…पर रमेश उपाध्याय के लिए यह इत्तेफाक कि बदनसीबी
यह एडीपीआरओ रमेश उपाध्याय के लिए इत्तेफाक कहा जाए या बदनसीबी कि उन्हें दो बार गाजीपुर डीपीआरओ का फुल चार्ज मिला और हर बार चार्ज छीना। पहली बार ग्राम प्रधानों के डोंगल आवंटन में धांधली का मामला सुर्खियों में आने के बाद उन्हें डीपीआरओ की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी और इस बार सफाई कर्मियों की तैनाती, तबादले में मनमानी का मामला उजागर होने के बाद उनको डीपीआरओ ऑफिस में फिर से नायबदारी करनी पड़ेगी।