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ओमप्रकाश राजभर से बाबू सिंह कुशवाहा ने तोड़ा सियासी नाता

गाजीपुर। जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा ने सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर से अपना सियासी नाता तोड़ लिया है। श्री कुशवाहा 14 नवंबर को गाजीपुर आएंगे और दोपहर 12 बजे लंका मैदान में जनसभा करेंगे।

बाबू सिहं कुशवाहा के गाजीपुर आगमन की जानकारी उनकी पर्टी के युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव अशोक मौर्य ने दी। एक सवाल पर उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी भागीदारी संकल्प मोर्चा में कायम है। अलबत्ता, मोर्चा के संयोजक रहे सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर सपा से एकतरफा समझौता कर खुद को मोर्चा से अलग कर लिए हैं। एक अन्य सवाल पर श्री मौर्य ने कहा कि उनकी पार्टी गाजीपुर में चुनाव लड़ेगी या नहीं इसका जवाब पार्टी के अध्यक्ष बाबू सिहं कुशवाहा खुद देंगे। हालांकि उन्होंने यह जरुर बताया कि उनकी पार्टी का बलिया की सिकंदरपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना लगभग तय है।

मालूम हो कि बसपा से निकलने के बाद बाबू सिंह कुशवाहा अपनी जन अधिकार पार्टी बनाकर सक्रिय हैं। साल 2012 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा का समर्थन किया था लेकिन साल 2014 के लोकसभा चुनाव में उनकी पत्नी शिवकन्या कुशवाहा सपा के टिकट पर गाजीपुर सीट से लड़ी थीं।

पिछले साल सुभासपा अध्यक्ष ने अपने संयोजकत्व में पिछले साल भागीदारी संकल्प मोर्चा बनाया था। उसमें जनता क्रांति पार्टी, भारतीय उपेक्षित समाज पार्टी, भारतीय वंचित समाज पार्टी और बाबू सिंह कुशवाहा की अगुवाई वाली जन अधिकार पार्टी को शामिल किया था। बाद में उन्होंने अपने मोर्चा से ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी को भी जोड़ा था। इसे श्री राजभर ने खूब प्रचारित भी किया था। फिर आजाद समाज पार्टी (भीम आर्मी) के अगुवा चंद्रशेखर आजाद को भी वह मोर्चा में जोड़ कर लाए थे लेकिन सपा मुखिया अखिलेश यादव से हाथ मिलाने के बाद मोर्चा के लगभग अन्य सभी घटक दलों के नेताओं ने उनसे दूरी बना ली। अखिलेश यादव संग मऊ में पिछले माह हुई उनकी रैली में निमंत्रण भेजे जाने के बाद भी मोर्चा के घटक दलों के नेताओं ने हिस्सेदारी से परहेज किया था।

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