पीडब्ल्यूडी सचिव संग बैठक में सांसद अफजाल ने उठाया गंगा पुलों का मुद्दा

गाजीपुर। सांसद अफजाल अंसारी गाजीपुर के पुलों खासकर गंगा पुलों की बदहाली को लेकर बेहद चिंतित हैं। शनिवार को आए शासन की ओर से गाजीपुर के लिए नामित नोडल अधिकारि पीडब्ल्यूडी सचिव समीर वर्मा संग डाकबंगले में जनप्रतिनिधियों की हुई बैठक में सांसद ने यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया।
सांसद ने कहा कि गंगा का हमिद सेतु पर आवागमन मौजूदा वक्त में मरम्मत के लिए बंद है। ओवर लोडिंग के चलते प्राय: यह नौबत आती है। इसका खामियाजा जनता भुगतती है। उधर जमानियां में गंगा पर नया पुल बन कर तैयार है लेकिन एप्रोच रोड के अभाव में उसपर भारी वाहनों का आवागमन नहीं हो रहा है। इस दशा में गंगा पार के लोगों की स्थिति क्या होगी। इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। इसी तरह बेसो नदी पर कठवामोड़ पुल का नव निर्माण की बात भी आगे नहीं बढ़ रही है।
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बैठक कोविड-19, संचारी रोग तथा संभावित बाढ़ को लेकर तैयारियों की समीक्षा के लिए आहूत थी। बैठक में सांसद ने बाढ़ को गंभीर समस्या बताते हुए इसके लिए अलग से बैठक बुलाने का सुझाव दिया। संचारी रोगों की चर्चा पर उनका कहना था कि कोविड-19 के चलते अन्य संक्रामक और गंभीर रोगों की अनदेखी नहीं होनी चाहिए। संचारी रोगों की जांच कर रिपोर्ट संबंधित को उपलब्ध कराने में भी तत्परता बरतनी होगी।
नोडल अधिकारी ने जमानियां गंगा पुल को लेकर सांसद की बात को गंभीरता से लिया और विभागीय अधिकारियों को आदेशित किया कि एप्रोच रोड के मुकम्मल निर्माण के लिए जरुरत भर भूमि अधिग्रहण का प्रस्ताव बना कर शासन को भेजा जाए।

इसके पूर्व नोडल अधिकारी समीर वर्मा जिला अस्पताल, कोविड-19 के लिए बनाए गए अस्पताल शम्मे गौसिया मेडिकल कॉलेज सहेड़ी, मलिन बस्ती बंधवा का निरीक्षण किए। देवकली ब्लाक की ग्राम पंचायत धरीकला में चौपाल लगाए और लॉकडाउन का जायजा लेने के लिए डीएम, एसपी के साथ शहर का चक्रमण किए।
सतह पर आया चेयरमैन और एसडीएम का ‘शीतयुद्ध’
गाजीपुर। नगर पालिका चेयरमैन सरिता अग्रवाल और एसडीएम सदर प्रभात कुमार के बीच चल रहा ‘शीतयुद्ध’ शनिवार की शाम डाकबंगले में शासन के नोडल अधिकारी समीर वर्मा की बैठक में सतह पर आ गया। शूरुआत चेयरमैन ने ही की। उन्होंने कहा कि जब से सदर एसडीएम ने नगर पालिका के ईओ का प्रभार लिया है तब से आवश्यक काम बाधित हो रहे हैं। यहां तक कि नगर के विकास कार्यों और उनके टेंडर, भुगतान भी लंबित हो गए हैं। जवाब में एसडीएम ने कहा कि नगर पालिका की कार्यप्रणाली पूरी तरह से गड़बड़ है। बोर्ड की करीब नौ माह से बैठक तक नहीं बुलाई गई है। बजट स्वीकृत नहीं है। तीन साल से टेंडर तक नहीं निकाले गए हैं। इस दसा में भुगतान की कार्यवाही संभव नहीं है। चेयरमैन ने कहा कि ईओ का प्रभार किसीऔर को दिया जाए। संभव हो तो पड़ोसी बलिया नगरपालिका के ईओ को अतिरिक्त प्रभार दिया जा सकता है। नोडल अधिकारी ने चेयरमैन के इस सुझाव पर असहमति जताते हुए कहा कि यह असंभव है। रही बात स्थायी ईओ की तो प्रदेश में इस कॉडर की कमी है। बावजूद शासन को इस आशय की चिट्ठी भेजी जाएगी। बैठक में विधायक अलका राय, त्रिवेणी राम के अलावा डीएम ओमप्रकाश आर्य, सीडीओ श्रीप्रकाश गुप्त सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।