राहुल हत्याकांडः उधार के रुपये न लौटाने पर दोस्त ने ही उतारा मौत के घाट

गाजीपुर। जंगीपुर के राहुल कुशवाहा हत्याकांड की गुत्थी पुलिस सुलझा ली। दोनों हत्यारे शुक्रवार की भोर में देवकठियां पेट्रोल पंप के पास दबोच लिए गए। उन्होंने यह हत्या उधार के रुपये को लेकर की थी।
गिरफ्तार हत्यारे जंगीपुर बाजार के ही रहने वाले हैं। उनमें बनी पांडेय पश्चिम मोहल्ला (वार्ड चार) और गोलू गुप्त सरस्वती नगर पुरानी गल्ला मंडी का है। पुलिस कप्तान रामबदन सिंह ने शुक्रवार की शाम अपने ऑफिस में उन्हें मीडिया के सामने पेश किया। बताए कि हत्या में मुख्य भूमिका बनी पांडेय की थी। वह जंगीपुर वार्ड नौ के रहने वाले राहुल कुशवाहा (21) का गहरा दोस्त था। राहुल को उसकी बहन की शादी में बतौर उधार 17 हजार रुपये दिया था। बनी पांडेय पिछले साल चोरी के एक मामले में जेल चला गया था। जेल में उसे रुपये की जरूरत पड़ी। राहुल को संदेश भेजवाया कि वह जेल में आकर उससे मिले और उधार के रुपये भी लेते आए लेकिन राहुल न उससे जेल में मिलने गया न उधार के रुपये ही लौटाया।
जेल से छूट कर आने के बाद भी बनी पांडेय को दिए गए उधार के रुपये नहीं मिले तब वह राहुल कुशवाहा से एकदम चिढ़ गया और उसको सबक सिखाने की योजना बनाया। योजना में अपने तीसरे साथी गोलू गुप्त को शामिल किया। उसके बाद अपनी योजना के तहत वह मंगलवार की रात करीब नौ बजे एक राहगीर के फोन से राहुल को कॉल किया। उसको फोर लेन की ओर बुलाया। फिर दोनों ने ईंट के टुकड़े से सिर में संघातक प्रहार कर उसे मौत की नींद सुला दिया और शव को गेहूं के खेत में ही छोड़ कर वह दोनों अपने घर चले गए।
गेहूं के खेत में शव की जानकारी तीसरे दिन गुरुवार की सुबह हुई। उसके बाद पुलिस कप्तान रामबदन सिंह भी मौके पर पहुंचे। पुलिस राहुल कुशवाहा के फोन के कॉल डिटेल्स के जरिये हत्यारों तक पहुंची और फिर तो हत्याकांड की सारी कड़ियां जुड़ती चली गईं।
राहुल कुशवाहा के पिता राधेश्याम कुशवाहा की जंगीपुर में मछली मार्केट में सब्जी की दुकान है और वह उसी दुकान पर पिता का हाथ बंटाता था। पुलिस कप्तान ने बताया कि दोनों अभियुक्तों में बनी पांडेय पर पिछले साल चोरी के अलावा आर्म्स एक्ट के तहत भी केस दर्ज हुआ था जबकि उसके साथी गोलू गुप्त का साल 2019 में जुआ एक्ट में चालान हुआ था। फिर पिछले साल मादक पदार्थ में गिरफ्तार हुआ था।