हस्तशिल्प से आत्मनिर्भरता की ओर कदम : पीजी कॉलेज गाजीपुर में रोजगारोन्मुख कार्यशाला का सफल आयोजन

गाजीपुर। पीजी कॉलेज गाजीपुर के गृह विज्ञान विभाग द्वारा “अनुभवात्मक शिक्षण: सतह अलंकरण पर कौशल विकास” विषय पर आयोजित रोजगार उन्मुख कार्यशाला ने छात्राओं में स्वरोजगार की नई संभावनाएं जगाईं। कार्यक्रम में स्टेंसिल प्रिंटिंग और टाई एंड डाई की तकनीकों का व्यावहारिक प्रशिक्षण देकर उन्हें आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रेरित किया गया।
इस कार्यशाला में गाजीपुर जिले के पीजी कॉलेज, राजकीय महिला महाविद्यालय, स्वामी सहजानंद स्नातकोत्तर महाविद्यालय सहित अन्य कॉलेजों की छात्राओं, शोधार्थियों और शिक्षकों ने सक्रिय भागीदारी निभाई।
मुख्य अतिथि प्रो. संगीता देवडिया (वसंत कन्या महाविद्यालय, वाराणसी) ने टाई एंड डाई तकनीक को सहजता से समझाते हुए बताया कि सीमित संसाधनों में भी यह कला अधिक लाभ दिला सकती है। प्राचार्य प्रो. (डॉ.) राघवेंद्र कुमार पाण्डेय, डॉ. नेहा मौर्या और डॉ. अजीत प्रताप सिंह के साथ उन्होंने माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन और बाबू राजेश्वर प्रसाद सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की।
कार्यक्रम का आयोजन उत्तर प्रदेश सरकार के अपर महाधिवक्ता एवं प्रबंधक अजीत कुमार सिंह के निर्देशन में हुआ, जिसका उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाकर घर बैठे आजीविका कमाने योग्य बनाना था।
प्राचार्य डॉ. पाण्डेय ने अतिथियों का आभार प्रकट करते हुए छात्राओं को कौशल विकास के लिए प्रोत्साहित किया और भारत को विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने पर गर्व व्यक्त करते हुए उन्नत भारत की शुरुआत गाजीपुर से करने का आह्वान किया।
डॉ. नेहा मौर्या और संयोजक डॉ. शिप्रा श्रीवास्तव ने इस कला के माध्यम से स्वरोजगार की प्रेरणा दी। संचालन डॉ. अमित प्रताप ने किया। डॉ. शिवानी सिंह, डॉ. भावना श्रीवास्तव, विजय सिंह, अमितेश सिंह सहित अन्य उपस्थित रहे।
कार्यशाला के अंत में प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए।