मुख्तार पर और एक चोट, दो रिश्तेदारों सहित तीन के असलहे जब्त, लाइसेंस निलंबित

गाजीपुर। मऊ बिधायक मुख्तार अंसारी को योगी सरकार रियायत देने के मूड में नहीं है। उनके रिश्तेदारों और करीबियों के खिलाफ पुलिसिया कार्रवाई जारी है। शहर कोतवाली की रिपोर्ट पर डीएम ओमप्रकाश आर्य ने मुख्तार के दो रिश्तेदारों सहित तीन के असलहे जब्त कर लाइसेंस निलंबित कर दिया है।
शहर कोतवाली ने बीते बुधवार को इस आशय की चिट्ठी डीएम ऑफिस को भेजी थी। उसमें मुख्तार के रिश्तेदार मोहम्मद सालिम तथा नुरूद्दीन आरिफ मुहल्ला बरबरहना का नाम शामिल है। इनके अलावा मुख्तार का करीबी शैय्यदबाड़ा मुहल्ले का मसूद आलम है।
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मालूम हो कि इसके पहले मुख्तार के अन्य करीबियों तथा रिश्तेदारों के कुल 20 लाइसेंस निलंबित कर असलहे मालखाने में जमा कराए जा चुके हैं। पुलिस फाइल में मुख्तार का गैंग आईएस-191 के रूप में दर्ज है। इसी क्रम में मुख्तार के गोदाम कैंपस में अतिक्रमण कर निर्माण को ढहवा दिया गया था। उनके रिश्तेदारों, करीबियों के भूखंडों की भी जब्ती और अवैध निर्माण कृो ढहवाया गया था। मुख्तार पर योगी सरकार की तनी भृकुटी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि न सिर्फ गाजीपुर बल्कि मऊ, आजमगढ़, वाराणसी, जौनपुर आदि जिलों में भी इसी तरह की कार्रवाई हो रही है।

धनंजय मिश्र की मऊ तैनाती का मकसद!
गाजीपुर। इसी हफ्ते तक शहर कोतवाल रहे धनंजय मिश्र की पदोन्नति देकर डीएसपी बनाने के बाद सीधे मऊ में तैनाती को भी ‘ऑपरेशन मुख्तार’ से जोड़ कर देखा जा रहा है। धनंजय मिश्र गाजीपुर में सालों तक एसओ, एसएचओ रहते मुख्तार अंसारी के खिलाफ कार्रवाइयों में हिस्सेदार रहे हैं। गैंग की क्षमता और गतिविधियों से वह काफी हद तक वाकिफ हैं। मुख्तार का जहां गाजीपुर जन्म भूमि है, वहीं मऊ उनकी सियासी जमीन है। धनंजय मिश्र शुक्रवार को शहर कोतवाली से मऊ के लिए विदा भी कर दिए गए।