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बाहुबली मुख्तार अंसारी की बरसी पर यूपी एसटीएफ ने यह कैसा दिया तोहफा! 

झारखंड के जमशेदपुर में यूपी एसटीएफ और झारखंड पुलिस के संयुक्त मुठभेड़ में कुख्यात गैंगस्टर और मुख्तार अंसारी के सबसे भरोसेमंद शूटर अनुज कन्नौजिया का खात्मा हो गया। इस मुठभेड़ में सीओ डीके साही भी घायल हो गए। मुख्तार अंसारी की बरसी पर कन्नौजिया के अंत को एसटीएफ ने गाजीपुर, मऊ और आजमगढ़ के लोगों के लिए तोहफे के रूप में पेश किया। वर्षों से आतंक का पर्याय बने इस अपराधी का खात्मा होते ही लोगों ने राहत की सांस ली।


अपराध की दुनिया में पहला कदम: बड़े भाई से मिली जुर्म की विरासत

अनुज कन्नौजिया मऊ जनपद के चिरैयाकोट थाना क्षेत्र के बहलोलपुर गांव का रहने वाला था। तीन भाइयों में सबसे छोटा अनुज, अपने बड़े भाई मनोज कन्नौजिया के नक्शे कदम पर चला। मनोज कन्नौजिया जखनियां क्षेत्र के अपराधियों के संरक्षण में रहता था और लूट, अपहरण, हत्या जैसी वारदातों को अंजाम देता था। जखनियां के अपराधी संरक्षण देने के नाम पर लूट का हिस्सा लिया करते थे। मनोज कन्नौजिया पुलिस के लिए सिरदर्द बन चुका था और अंततः मऊ पुलिस ने उसका एनकाउंटर कर दिया।

भाई के एनकाउंटर के बाद अनुज ने जखनियां को ही अपना नया ठिकाना बना लिया। यहां उसे अपराधियों का संरक्षण मिलने लगा और उसने लूट, अपहरण और हत्या जैसे कृत्य जारी रखे।


पहली बड़ी वारदात: शरद सिंह और गुड्डा सिंह हत्याकांड

अनुज कन्नौजिया ने अपराध की दुनिया में अपना पहला बड़ा कदम मऊ जिले के सम्भ्रांत व्यक्ति शरद सिंह की हत्या से उठाया। वर्ष 2003 में शरद सिंह की हत्या ने पूरे मऊ और गाजीपुर जिले में सनसनी फैला दी। शरद सिंह के चाचा और जिला पंचायत सदस्य गुड्डा सिंह की हत्या करके अनुज ने अपनी दहशत को और बढ़ा दिया।

इन हत्याओं के बाद अनुज कन्नौजिया का नाम अपराध जगत में तेजी से उभरने लगा और उसकी क्रूरता की कहानियाँ इलाके में फैलने लगीं।


मुख्तार अंसारी से नाता: जेल में सफाई से शूटर बनने तक का सफर

अनुज कन्नौजिया का अपराधी सफर और भी भयावह हो गया जब उसे गाजीपुर जिला जेल में बंद किया गया। उसी दौरान कुख्यात माफिया डॉन मुख्तार अंसारी भी वहीं बंद था। अनुज ने मुख्तार का विश्वास जीतने के लिए जेल में उसकी सेवा की—कपड़े धोने और झाड़ू लगाने तक का काम किया। मुख्तार अंसारी के भरोसेमंद बनने के बाद अनुज का कद बढ़ता गया और वह अंसारी गिरोह का विश्वसनीय शूटर बन गया।


प्रेम कहानी में खून: रीना राय और गैंग की कमान

गाजीपुर के दुल्लहपुर की खूबसूरत युवती रीना राय से अनुज का प्रेम संबंध हुआ। रीना की खूबसूरती के चर्चे इलाके में थे और कई लोग उसके दीवाने थे। अनुज ने जेल में ही रीना से शादी कर ली। शादी के बाद रीना ने भी गैंग की कमान संभाल ली और अनुज के जेल में रहने के दौरान रंगदारी और धमकी जैसे काम को आगे बढ़ाया।

गाजीपुर के जमीन व्यवसायी से विवाद और गिरफ्तारी

गाजीपुर शहर के गोराबाजार इलाके में अनुज ने अपना ठिकाना बनाया और वहीं से अपने गैंग का संचालन करने लगा। इसी दौरान एक चर्चित जमीन व्यवसायी से विवाद हुआ और अनुज ने उसे घर पर जाकर जान से मारने की धमकी दी। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए गोराबाजार स्थित उसके आवास से अनुज को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

गिरफ्तारी के बाद रीना राय ने गैंग की पूरी जिम्मेदारी संभाल ली और जमीन व्यवसायी से दबाव बनाकर अनुज की जमानत कराने का पूरा खर्च और लाखों रुपये भी वसूले।


योगी सरकार का सख्त एक्शन: अंत का आगाज़

2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू हुई। पुलिस के बढ़ते दबाव के कारण अनुज कन्नौजिया अपनी पत्नी रीना राय के साथ झारखंड में शरण लेने पर मजबूर हो गया। लेकिन कानून के लंबे हाथों से बच पाना आसान नहीं था।

अंतिम मुठभेड़: अपराध का अंत

29 मार्च 2025 को यूपी एसटीएफ और झारखंड पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन में अनुज कन्नौजिया को जमशेदपुर में ढेर कर दिया। इस मुठभेड़ में सीओ डीके साही घायल हो गए। मुख्तार अंसारी की बरसी पर उसके सबसे खास शूटर का अंत होना किसी कड़े संदेश से कम नहीं था।


जनपदवासियों के लिए तोहफा: आतंक का अंत

मऊ, आजमगढ़ और गाजीपुर में दहशत का प्रतीक बने अनुज कन्नौजिया का अंत होने के बाद आम जनता ने राहत की सांस ली। वर्षों से चले आ रहे खून-खराबे और अपराध का सिलसिला आखिरकार खत्म हो गया। यूपी पुलिस और एसटीएफ की इस सफलता ने अपराधियों के लिए स्पष्ट संदेश दे दिया कि कानून से बच पाना अब नामुमकिन है।
जनपदवासियों ने एसटीएफ लखनऊ को इस खतरनाक अपराधी के खात्मे पर धन्यवाद दिया और योगी सरकार की कानून व्यवस्था को सराहा।

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