ताड़ीघाट-मऊ रेल मार्ग पर 2023 में होगा ट्रायल

गाजीपुर। ताड़ीघाट-मऊ रेल मार्ग के निर्माण की रफ्तार में भू-राजस्व के विवादित मामले रोड़ा बन रहे हैं। बावजूद आरवीएनएल की पूरी कोशिश है कि मार्ग का निर्माण कार्य अगले साल तक पूरा कर 2023 में ट्रायल हो जाए।
मंगलवार को दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे आरवीएनएल के प्रमुख कार्यकारी निदेशक कमल नयन ने यह बात कही। उनका कहना था कि इस परियोजना में सबसे बड़ा रोड़ा लैंड इश्यू है। हालांकि इन मामलों की सुनवाई का काम हो चुका है, पर उनकी पत्रावली के निस्तारण की कार्यवाही की गति अपेक्षाकृत सुस्त है। उनका कहना था कि यह समस्या समाप्त होते ही निर्माण कार्य दोगुनी रफ्तार से चलने लगता।
इसके पूर्व आरवीएनएल के गेस्ट हाउस में प्रमुख कार्यकारी निदेशक ने मुख्य परियोजना प्रबंधक विकास चंद्रा तथा परियोजना निदेशक सत्यम कुमार संग बैठक कर निर्माण कार्य की समीक्षा की। बैठक में निर्माण एजेंसी एसपी सिंग्ला एवं जीपीटी इंफ्रा प्रोजेक्ट के इंजीनियर्स भी मौजूद रहे। बैठक के बाद प्रमुख कार्यकारी निदेशक गंगा के हमीद सेतु के बगल में बन रहे रेल कम रोड ब्रिज के निर्माण कार्य देखे। फिर प्रस्तावित सोनवल व गाजीपुर घाट रेलवे स्टेशन के निर्माण कार्यों का जायजा लिए। उन्होंने प्रस्तावित आरयूवी, ब्लाक हट स्टेशन वगैरह का निर्माण जल्द शुरू करने का भी निर्देश दिया।
मालूम हो कि ताड़ीघाट से मऊ तक 51 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन परियोजना को करीब 1766 करोड़ की लागत से दो चरणों में पूरी होगी। पहले चरण में सोनवल, ताड़ीघाट, मेदनीपुर से गंगा होते हुए सिटी स्टेशन से गाजीपुर घाट तक और दूसरे चरण में गाजीपुर घाट स्टेशन से मऊ तक पूरा किया जाना है। सुखदेवपुर चौराहे पर रेल अंडर ब्रिज प्रस्तावित है। इसी तरह निर्माणाधीन रेल कम रोड व्रिज और रजागंज पुलिस चौकी के बीच ब्लॉक हट स्टेशन भी प्रस्तावित है। दरअसल सुखदेवपुर चौराहे के पास वाई जंक्शन होगा। एक ट्रैक गाजीपुर घाट और दूसरी सिटी स्टेशन के लिए जाएगी। ब्लॉक हट स्टेशन से दोनों ट्रैक की ओर जाने वाली ट्रेनों को लिंक दिया जाएगा। वह स्टेशन अत्याधुनिक सिग्नल सिस्टम सहित ऑटोमेटिक मशीनों से लैस होगा। स्टेशन मास्टर की तैनाती रहेगी।