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सैदपुरः…पर सपा शीर्ष नेतृत्व किसका रखेगा मन

गाजीपुर। सैदपुर विधानसभा सीट (सुरक्षित) की उम्मीदवारी को लेकर सपा का शीर्ष नेतृत्व क्या निर्णय लेगा। यह तो वक्त आने पर पता चलेगा लेकिन पार्टी में टिकट के दावेदारों की लंबी फेहरिस्त है।

दरअसल, सैदपुर के मौजूदा विधायक सुभाष पासी के भाजपा में शामिल होने के बाद सैदपुर सीट पर सपा में नए चेहरे की तलाश शुरू है। पार्टी के लिए यह अहम हो गया है कि ऐसा चेहरा मैदान में उतारा जाए जो न सिर्फ विधायक सुभाष पासी को हार का स्वाद चखा कर उनकी मौकापरस्ती के लिए सबक सिखाए। बल्कि सैदपुर सीट पर पार्टी की जीत की हैट्रिक का रिकार्ड भी बनाए।

पार्टी में टिकट के प्रमुख दावेदारों में पूर्व विधायक भोनू राम सोनकर, पूर्व नगर पंचायत चेयरमैन शशि सोनकर, प्रेमा राम, रमेश सोनकर, दिनेश सोनकर, जिला पंचायत सदस्य अंकित भारती आदि हैं। बकौल जिलाध्यक्ष रामधारी यादव, सैदपुर सीट पर टिकट के आवेदन के लिए अब तक कुल सात लोग जिला कार्यालय से सात लोग नोड्यूज ले चुके हैं।

हर दावेदार अपनी पहुंच, प्रभाव के बूते टिकट हथियाने की जुगत में लगा है जबकि पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं, समर्थकों की पसंद अलग-अलग है। इस मामले में हैरानी यह कि अंसारी बंधु पूर्व विधायक भोनू राम सोनकर के बजाए  सैदपुर नगर पंचायत के पूर्व चेयरमैन शशि सोनकर की पैरोकारी में खड़े दिख रहे हैं। पूर्व विधायक भोनू राम सोनकर साल 2012 के विधानसभा चुनाव में सैदपुर सीट से अंसारी बंधुओं की अगुवाई वाले कौमी एकता दल से लड़े थे और 24 हजार से अधिक वोट बटोर कर तीसरे स्थान पर थे मगर शशि सोनकर का पिछले माह सपा की सदस्यता लेना अंसारी बंधुओं की पैरवी से ही जोड़ा जा रहा है। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने खुद शशि सोनकर को अपनी पार्टी की सदस्यता दी। उसके लिए पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में हुए संक्षिप्त कार्यक्रम में पूर्व विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी भी मौजूद थे।

हालांकि तब सवाल उठा था कि आखिर अंसारी बंधुओं ने अकेले शशि सोनकर को ही सपा की सदस्यता क्यों दिलाई जबकि गाजीपुर के अन्य तीन नगर निकाय के चेयरमैन जमानियां एहसान जफर, मुहम्मदाबाद शमीम अहमद और बहादुरगंज के रेयाज अंसारी भी अंसारी बंधुओं के ही कृपा पात्र हैं। माना गया कि सैदपुर विधानसभा सीट के दावेदारों की कतार में शशि सोनकर को खड़ा करने की अंसारी बंधुओं को जल्दी थी। मालूम हो कि शशि सोनकर सैदपुर नगर पंचायत चेयरमैन का पहला चुनाव अंसारी बंधुओं के कौमी एकता दल से ही जीते थे। उसके बाद उनकी पत्नी सरिता सोनकर को भी चेयरमैन चुनाव में जीत दिलाने में अंसारी बंधुओं का ही पूरा आशीर्वाद रहा।

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