अब आर-पार की लड़ाई के मूड में मछली माफिया से त्रस्त किसान

गाजीपुर। मछली माफिया की कारस्तानी से मुहम्मदाबाद तहसील के गड़हा परगना में किसानों में त्राहिमाम्-त्राहिमाम् मचा है। मगई का पानी रोके जाने से खरीफ की फसल डूब गई है। पीड़ित किसानों में ज्यादातर भाजपा समर्थक किसान हैं लेकिन उनकी कोई सुनने वाला नहीं है। उनका यह दुर्भाग्य नहीं तो और क्या कहा जाएगा कि प्रदेश में उन्हीं की पार्टी की सरकार है। इलाकाई विधायक भी पार्टी की ही हैं। फिर भी अपनी इस विकट समस्या के लिए उन्हें धरने पर बैठने को मजबूर होना पड़ रहा है।
भाजपा के ही बैनर तले किसानों ने संघर्ष समिति गठित कर लट्टूडीह पेट्रोल पंप के सामने गुरुवार को धरना दिया। धरनारत किसानों को मनाने के लिए एसडीएम मुहम्मदाबाद आशुतोष मिश्र तथा सीओ रवींद्र वर्मा धरनास्थल पर पहुंचे लेकिन किसानों की अगुवाई कर रहे भाजपा नेता एवं संघर्ष समिति के संयोजक राजेश राय बागी ने साफ कहा कि जब तक मंगई नदी को मछली माफियाओ से मुक्त नहीं किया जाएगा और किसानों को उनकी फसल की क्षतिपूर्ति भुगतान का ठोस आश्वासन नहीं मिलेगा तब तक किसान चुप नहीं बैठेंगे। बल्कि 22 अक्टूबर से उनका यह धरना बेमियादी अनशन में बदल जाएगा। धरने में छांगुर राय, महावीर राय, आशुतोष राय ,देवेंद्र राय, पंकज राय, रंजीत राय, धीरज मिश्र, सुशील राय, रामाश्रय राय, रामनिवास राय, रमेश चंद्र राय अनिल कुमार राय आदि शामिल रहे।
मालूम हो कि मछली माफियाओं ने मगई नदी के प्रवाह को जबरिया रोक दिया है। नतीजा गड़हा परगना के सोनवानी, दौलतपुर, कटारिया, रघुवरगंज, परसा, लौवाडीह,राजापुर, जोगा मुसाहिब, मसौनी, करीमुद्दीनपुर, भरौली कला, मिश्रौलिया, सरदारपुर, अमररुपुर, खैराबारी, लोचाइन, महेंद आदि गांवों के किसानों की फसल मगई के अवरुद्ध पानी से पूरी तरह बर्बाद हो गई है। रबी की खेती पर भी ग्रहण लग गया है।
…और विधायक पुत्र बोले
किसानों के इस अहम मसले पर मुहम्मदाबाद विधायक अलका राय कितना संजीदा हैं। इसका अंदाजा उनके बेटे पीयूष राय से गुरुवार की शाम फोन पर संपर्क करने पर मिला। सवाल हुआ कि इस मामले में वह क्या कहना चाहेंगे। वह छूटते ही कहे-इसका जवाब वही लोग देंगे जो धरने पर बैठे हैं। मैं व्यस्त हूं और जनाब ने फोन काट दिया।