खेती-बारीब्रेकिंग न्यूज

प्रधानमंत्री के लोकल फॉर वोकल के नारे को जमीन पर उतारने में जुटे हैं रवि

गाजीपुर (राहुल पांडेय)। स्कूलिंग कॉनवेंट। डिग्री एमए, बीएड। जज्बा कुछ अलग करने का। यह कहानी है गांव मुबारकपुरनेत ब्लाक कासिमाबाद के रवि राय की। आज वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान के हिस्सा बन चुके हैं।  सामान्य किसान परिवार के रवि राय चार हेक्टेयर में केले की खेती शुरू किए हैं। अब उनकी पहली उपज बाजार में जाने को तैयार है। वह करीब छह लोगों को नियमित रोजगार भी मुहैया करा रहे हैं।

पीजी कॉलेज: बीकॉम की प्रवेश परीक्षा कल

रवि राय चाहते तो अपने सहपाठियों और गांव के हमउम्रों की तरह किसी महानगर में भी नौकरी हासिल कर सकते थे लेकिन कुछ अलग करने का उनका जज्बा गांव लौटा लाया। खेती-बारी की

पारिवारिक पृष्ठ भूमि में ही उन्होंने अपने भविष्य की संभावनाएं तलाशने का निर्णय किया। बातचीत में वह बताते हैं- मेरा परिवार परंपरागत खेती ही करता रहा है। ऐसे में मैने नकदी फसल की खेती शुरू करने का फैसला किया। तब यह सवाल सामने आया कि वह नकदी फसल क्या रखी जाए। अध्ययन किया कि गाजीपुर सहित पूर्वांचल में फलों की खपत के अपेक्षाकृत उत्पादन कम है। उसी क्रम में उन्होंने पीसीएस अधिकारी चाचा भरत राय से मशवरा किया। चाचा ने केले की खेती शुरू करने की सलाह दी और इस खेती में लगे अपने एक मित्र से मिलवाया।

रवि राय ने बताया कि केले की खेती में वह सरकारी योजनाओं का भी लाभ उठा रहे हैं। सरकार एक हेक्टेयर पर कुल 40 हजार रुपये का अनुदान दे रही है। वह कहते हैं कि अब यह धारणा बेमानी हो गई है कि केले की सिंचाई में बहुत ज्यादा पानी की खपत होती है। वह खुद अपनी फसल की सिंचाई के लिए ड्रिप तकनीकी का इस्तेमाल करते हैं। इसमें पानी की खपत बहुत कम होती है। इस तकनीकी के यंत्र भी सरकार 90 फीसद अनुदान पर उपलब्ध करा रही है।

हालांकि रवि राय यह भी कहते हैं कि सरकारी स्तर पर परिवहन सुविधा मुहैया कराई जाए तो गाजीपुर में उत्पादित केला दूसरे देशों में भी निर्यात हो सकता है।

300 हेक्टेयर में हो रही खेती

जिला उद्यान अधिकारी सत्येंद्र दूबे भी रवि राय के इस जज्बे को सराहते हैं। वह कहते हैं कि गाजीपुर की माटी में इतनी ताकत है कि प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति मिलेगी। रवि राय की तरह दूसरे नौजवान भी इस अभियान का हिस्सा बन सकते हैं। एक सवाल पर श्री दूबे ने माना कि गाजीपुर के नौजवानों में आधुनिक खेती का आकर्षण बढ़ रहा है। बताए कि अकेले केले की खेती का ही दायरा 300 हेक्टेयर तक पहुंच चुका है। एक हेक्टेयर में केले की खेती की शुरुआती लागत करीब तीन लाख रुपये आती है। बाद में यह लागत आधी हो जाती है।  

Related Articles

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker