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योगी सरकार का रामबदन सिंह को ईनाम! बने गौतमबुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नरेट के उपायुक्त

गाजीपुर। योगी सरकार ने शनिवार को गाजीपुर के पुलिस कप्तान रामबदन सिंह का तबादला गौतमबुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नरेट में उपायुक्त के पद पर कर दिया है और इनकी जगह कासगंज के पुलिस कप्तान रोहन पी बोत्रे की तैनाती की है।

भारतीय पुलिस सेवा में रामबदन सिंह की छवि काफी तेजतर्रार और बिल्कुल साफसुथरी मानी जाती है। वह गाजीपुर पुलिस कप्तान का पद पिछले साल तीन अक्टूबर को संभाले थे। गाजीपुर में मात्र नौ माह के कार्यकाल में उन्होंने पूरी तत्परता और निष्पक्षता के साथ त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के साथ ही विधानसभा और एमएलसी चुनाव संपन्न कराया। इन चुनावों में कहीं कोई खूनखराबा नहीं हुआ। इनके कार्यकाल में जहां अपराधियों के हौसले पस्त रहे। वहीं पुलिस कर्मियों के हौसले बराबर परवान चढ़े रहे। पुलिस कर्मियों की पोस्टिंग, ट्रांसफर में कभी उनपर अंगुली नहीं उठी। लापरवाह और गैरजिम्मेदार थानेदारों पर फौरी कार्रवाई होती रही। वह कानून-व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए महिला पुलिस इंस्पेक्टरों को अहम थानों की जिम्मेदारी सौंपने में भी नहीं हिचके। बल्कि कहा जाए तो गाजीपुर की पुलिसिंग में यह पहला प्रयोग रहा। योगी सरकार की मंशा के अनुरूप रामबदन सिंह साधारणजन तक के लिए बराबर सुलभ रहे। उनकी भरसक कोशिश रहती कि अपने सरकारी फोन नंबर पर आने वाली हर कॉल वह खुद रिसीव करें।

शायद यही वजह है कि योगी सरकार ने अब रामबदन सिंह को गौतमबुद्ध नगर भेजा है। प्रशासनिक लिहाज से गौतमबुद्ध नगर अहम जिला माना जाता है। इसे ऐसे समझें कि यह जिला राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से बिल्कुल सटा है और हाईटेक तथा संगठित अपराधियों की सक्रियता से यह काफी संवेदनशील भी माना जाता है। इसका मुख्यालय ग्रेटर नोएडा है।

गाजीपुर के नए पुलिस कप्तान रोहन प्रमोद बोत्रे 2016 बैच के आईपीएस अफसर हैं। मूलतः महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। शिक्षक मां-पिता के पुत्र श्री बोत्रे महाराष्ट्र की पूणे यूनिवर्सिटी से बीटेक करने के बाद अमेरिका की यूनिवर्सिटी से सिविल इंजीनियरिंग से एमटेक किए और उसके बाद भारत लौटकर भारतीय प्रशासनिक सेवा की तैयारी शुरू किए और चौधे प्रयास में वह 187वें रैंक के साथ सफल हुए। बावजूद उन्होंने भारतीय पुलिस सेवा में जाने का निर्णय किया। फुल चार्ज के रूप में कासगंज इनके लिए पहला जिला रहा। जहां शहर कोतवाली के लॉकअप में एक युवक की संदिग्ध मौत के मामले में अपने बयान से वह सोशल मीडिया में सुर्खियों में रहे। अब देखना है कि संगठित अपराध के लिए बदनाम गाजीपुर में श्री बोत्रे की काबिलियत कैसे और किस रूप में सिद्ध होगी।

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