ग्राम प्रधान समेत दो हत्याभियुक्तों को उम्र कैद

गाजीपुर। अपर जिला जज (तृतीय) संजय यादव ने सोमवार को ग्राम प्रधान समेत दो हत्याभियुक्तों को उम्रकैद और 50-50 हजार रुपये के अर्थ दंड से दंडित किया।
घटना रेवतीपुर थाने के नवली गांव नौ फरवरी 2014 की शाम करीब साढ़े तीन बजे को हुई थी। महुआ के पेड़ के विवाद में वृद्धा बेइला देवी का कुल्हाड़ी से गला काट दिया गया था। बेइला देवी के पुत्र अनूप सिंह ने उस मामले में पड़ोसी संतोष सिंह और लकड़ी व्यापारी जमशेद राइनी को नामजद किया था।
अनूप सिंह का आरोप था कि उनके महुआ पेड़ को संतोष सिंह ने अपना बता कर जमशेद राइनी को बेच दिया। जमशेद राइनी उस पेड़ को कटवाने लगा। इसकी जानकारी जब उनकी मां बेइला देवी को हुई और वह मौके पर पहुंच कर आपत्ति की। तब जमशेद राइनी के ललकारने पर संतोष सिंह पेड़ काटने में लगे मजदूरों में एक की कुल्हाड़ी लेकर बेइला देवी पर हमलावर हो गया। शोर सुनकर अनूप सिंह भी मौके पर पहुंच गए थे। तब संतोष सिंह कुल्हाड़ी लेकर उनकी ओर भी लपका। उसकी नीयत भांप कर अनूप सिंह मौके से भाग कर किसी तरह अपनी जान बचाए मगर कुछ देर बाद मौके पर लौटे तो उनकी मां का दम टूट चुका था और हमलावर संतोष सिंह तथा लकड़ी व्यापारी जमशेद राइनी समेत मजदूर वगैरह मौके से भाग चुके थे।
हालांकि पुलिस इस मामले में अकेले संतोष सिंह के विरुद्ध ही अदालत में आरोप पत्र दाखिल की मगर जब मुकदमे का ट्रायल शुरू हुआ तो अदालत एफआईआर के आधार पर जमशेद राइनी को तलब कर उसे भी आरोपी बनाई।
बाद में जमशेद राइनी जमानत पर जेल से बाहर आ गया जबकि मुख्य मुल्जिम संतोष सिंह तब से जेल में ही है। जमशेद राइनी पिछले पंचायत चुनाव में अपने गांव नवली का प्रधान भी बन गया।
मुकदमे की सुनवाई के दौरान जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता जयप्रकाश सिंह अभियोजन की ओर से कुल पांच गवाह पेश किए। जज संजय यादव अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद संतोष सिंह तथा जमशेद राइनी को आखिरी सांस तक कैद की सजा सुनाई। अर्थ दंड की कुल राशि का आधा हिस्सा मृतका के आश्रितों को दी जाएगी।
जाहिर है कि अदालत के इस फैसले के बाद जमशेद राइनी को ग्राम प्रधान का पद छोड़ना पड़ेगा। इसको लेकर नवली ग्राम पंचायत की राजनीति भी सरगर्म हो गई है।