पत्नी-पुत्र के हत्यारे को उम्र कैद

गाजीपुर। पत्नी और मासूम पुत्र का हत्यारा अब ताउम्र जेल में रहेगा। साथ ही बतौर अर्थ दंड 75 हजार रुपये भी देने होंगे। यह सजा गुरुवार को अपर सत्र न्यायाधीश (तीन) संजय कुमार यादव ने सुनाई।
अभियोजन के मुताबिक मृत महिला रेनू यादव (30) का शव जमानियां कोतवाली के देवैथा-गायघाट संपर्क मार्ग पर सात अप्रैल को मिला था। शव के पास ही रेनू का सात माह का मासूम पुत्र अर्पित घायलावस्था में पड़ा था। बाद में अस्पताल में उसका भी दम टूट गया था। रेनू का मायका जमानियां कोतवाली के नई बाजार खरगसीपुर और ससुराल बिहार के कैमूर जिले के थाना कुदरा के बहुआरा गांव में था।
अभियोजन के मुताबिक रेनू को उसका पति पप्पू यादव नापसंद करता था और उससे अपना पिंड छुड़ाना चाहता था। उसके लिए उसने खौफनाक योजना बनाई और योजना के तहत सुबह बाइक से रेनू के मायके पहुंचा और इलाज कराने के बहाने उसे और पुत्र को ले गया मगर देर शाम तक उनका पता नहीं चला। चिंतित मायके वालों ने पप्पू यादव को फोन किया मगर उसका स्विच ऑफ मिला। फिर उसके घर फोन किए। वहां भी वह नहीं पहुंचा था।
इधर देवैथा-गायघाट संपर्क मार्ग पर अज्ञात महिला के शव और उसके पास घायलावस्था में पड़े सात माह के बच्चे की सूचना ग्रामीण चौकीदार लाल बहादुर पासवान ने जमानियां कोतवाली को दी। पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेने के साथ ही घायल बच्चे को अस्पताल भेजी। फिर ग्रामीण चौकीदार की तहरीर पर अज्ञात के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की।
जब यह खबर मीडिया में आई तो रेनू की बहन नीरमा परिवार के अन्य सदस्यों संग जमानियां कोतवाली पहुंची और मृत मां-पुत्र के कपड़े और फोटो देख अपनी बहन रेनू तथा भांजे के रूप में की। उसके बाद मृत रेनू के भाई अभिनंदन यादव ने अपने बहनोई पप्पू यादव के विरुद्ध नामजद एफआईआर दर्ज की। पकड़े जाने के बाद पप्पू यादव ने पुलिस को घुमाना शुरू किया मगर पुलिस ने अच्छी वाली पूछताछ शुरू की तो उसने पत्नी और पुत्र की खुद हत्या करने की बात कबूल ली।
मुकदमे की सुनवाई के दौरान जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता जयप्रकाश सिंह ने अपने कथानक की पुष्टि में कुल दस गवाहों सहित फिजिकल एविडेंस साक्ष्य पेश किए। उस आधार पर न्यायाधीश ने आरोपित पप्पू यादव को दोषी करारते हुए उसे सजा सुनाई। पप्पू यादव गिरफ्तारी के बाद से ही जेल में है।