कारस्तानी जेई की, सजा मिली किसान को

गाजीपुर। एक कहावत है कि खेत खाए गदहा, मारा जाए जुलाहा। कुछ ऐसा ही मामला करंडा क्षेत्र के गजाधरपुर में सामने आया है।
नलकूप के बिजली कनेक्शन के लिए किसान कैलाश यादव ने विभाग के तत्कालीन जेई रमेश राम ने कुल 60 हजार रुपये का स्टीमेट बनाया। कैलाश यादव ने वह धनराशि जमा भी कर दी। उसके बाद उन्हें अपने नलकूप के लिए बिजली का कनेक्शन मिल भी गया मगर इधर विभाग ने अवैध बताते हुए उनके बिजली कनेक्शन को काट दिया।
अब जबकि सूखे में कैलाश यादव को अपनी फसलों के लिए पानी की बेहद जरूरत है। लिहाजा वह बिजली विभाग में कनेक्शन दोबारा जोड़ने के लिए भागदौड़ शुरू किए मगर उनकी एक नहीं सुनी गई।
बेचारे कैलाश यादव थक हारकर जिला सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन अरुण सिंह के पास मदद की गुहार लेकर पहुंचे। इस बाबत अरुण सिंह ने संबंधित एसडीओ से संपर्क किया। किसान कैलाश यादव की व्यथा कथा बताए मगर एसडीओ ने यही दोहराया कि जब कनेक्शन नहीं जारी है तो फिर काटे गए कनेक्शन को जोड़ा नहीं जा सकता।
तब अरुण सिंह का कहना था कि अगर विभागीय कागज में कनेक्शन दर्ज नहीं है तो पीड़ित के नलकूप के लिए विभाग खंभे, ट्रांसफॉर्मर, तार वगैरह कैसे उपलब्ध कराया। श्री सिंह के इस सवाल का जवाब विभागीय एसडीओ के पास नहीं था। लिहाजा अरुण सिंह ने चेताया कि किसान कैलाश यादव का कनेक्शन नहीं जोड़ा गया और इस मामले में तत्कालीन जेई रमेश राम के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई नहीं हुई तो वह किसानों को लेकर आंदोलन को बाध्य होंगे। इसी बीच विभागीय कर्मियों ने बताया कि कसूरवार जेई इन दिनों निलंबित है।