राधेमोहन सिंह की नामौजूदगी में उनके बेटे अनिकेत संभाल रहे मोर्चा

गाजीपुर। कहते हैं बेटा बाप का सरताज होता है। इस बात को साबित कर रहे हैं पूर्व सांसद राधेमोहन सिंह के बेटे अनिकेत। अपने पिता की नामौजूदगी में उनकी नैतिक, राजनीतिक, सामाजिक दायित्वों को संभालते वह अक्सर दिख जाते हैं।
वैसे ही शिष्टाचारी। वैसे ही मृदुभाषी। वही सोच। वही समझदारी। उतनी ही वैचारिक प्रतिबद्धता। उतनी ही सामाजिक संकल्पबद्धता। अपनी समाजवादी पार्टी के लिए उतना ही समर्पण। अपने नेता अखिलेश यादव के लिए उतना ही आकर्षण। यह सब जितना पिता राधेमोहन सिंह में है। उतना सब पुत्र अनिकेत सिंह में भी है। संयोगवश इन दिनों राधेमोहन सिंह कहीं अन्यत्र हैं। सदर विधानसभा क्षेत्र में उनके चल रहे पार्टी झंडा वितरण और जनसंपर्क अभियान को अनिकेत बिल्कुल उन्हीं के अंदाज में जारी रखे हैं।
रविवार को अनिकेत शहर के गोरा बाजार सहित भटौली, सौरम, सिसौड़ा, नंदगंज, आनापुर, सरया आदि गांवों में पहुंचे थे। वह पार्टी का झंडा वितरण के साथ ही पार्टी के बूथ प्रभारियों संग बैठे। उनका कहना था कि भाजपा के पांच साल के राजपाट की सबसे ज्यादा कीमत नौजवानों, छात्रों ने चुकाई है। इस वर्ग को लेकर भाजपा सरकार के पास कोई विजन नहीं है। न जरूरी शिक्षा। न जरूरी संसाधन। न रोजगार जबकि पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार इस मामले में पूरी संजीदा थी। रोजगार परक तकनीकी शिक्षा पर जोर था। छात्रों को लैपटॉप, तक उपलब्ध कराए गए थे। रोजगार के अवसर बनाए जा रहे थे। भाजपा सरकार शिक्षा मित्रों संग सरासर छल की। विकास के मुद्दे को उठाते हुए अनिकेत कहे-अखिलेश सरकार की स्वीकृत और शुरू परियोजनाओं का ही भाजपा सरकार लोकार्पण, शिलान्यास करती रही। उसके खाते में अपना मूल गिनाने को कुछ नहीं है।
बिजली की दर में आधी कटौती के भाजपा सरकार के निर्णय पर सवाल उठाते हुए अनिकेत ने कहा कि अभी ही क्यों। यह तो पहले भी हो सकता था। साफ है कि वह सस्ती की जगह महंगी बिजली देकर आमजन की जेब काटती रही।
पूर्व सांसद के पुत्र ने कहा कि अब प्रदेश से भाजपा सरकार की विदाई तय है। जनता गुस्से में है। उन्नाव में भाजपा विधायक की सरेआम पिटाई इस बात की गवाह है। इस दौरान अनिकेत सिंह के साथ बलराम यादव, बृजेश यादव, रूद्र प्रधान, बशिष्ठ यादव, संतोष कुमार, मनोज यादव, पुष्कर सिंह,, तकदीर सिंह आदि भी थे।