तेजबहादुर सिंह ‘तेजू’ को भी लील लिया कोरोना

गाजीपुर। खेल जगत के ‘द्रोणाचार्य’ चले गए। कोरोना उनको भी लील लिया। शुक्रवार की दोपहर मेघबरन सिंह हॉकी अकादमी करमपुर के संस्थापक तेज बहादुर सिंह ‘तेजू’(72) की सांसें थम गईं। वह अपने पीछे पूर्व सांसद राधेमोहन सिंह सहित तीन भाइयों का भरापूरा परिवार छोड़ गए हैं।
पांच-छह दिन पहले उनमें कोरोना के लक्षण शुरू हुए थे। बीएचयू में दाखिल कराया गया। शुरुआत में कुछ सुधार भी दिखा लेकिन फिर अचानक तबीयत बिगड़ने लगी और चिकित्सकों के लाख प्रयास के बाद भी उनको बचाया नहीं जा सका।
खिलाड़ियों में प्रतिभा को तलाशना और फिर उन्हें तराशना तेजू सिंह का शगल था। इसके लिए उनमें जाति, वर्ग का कोई भेद नहीं था। यही वजह है कि आज हॉकी की सीनियर और जूनियर इंडिया टीम में उन्हीं के ‘गुरुकुल’ से निकले गाजीपुर के कई खिलाड़ी अपनी दमदारी से मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं। सैकड़ों ऐसे भी खिलाड़ी हैं जो तेजू सिंह की अकादमी में पले, बढ़े, रचे और अब भारतीय सेना, भारतीय रेलवे की ओर से अपनी प्रतिभा का जलवा बिखेर रहे हैं। जाहिर है कि अपने द्रोणाचार्य के इस तरह अचानक जाने से वह भी खुद को अनाथ महसूस कर रहे होंगे।
तेजू सिंह अपनी भवह अंजना सिंह पत्नी राधेमोहन सिंह को जिला पंचायत सदस्य (सैदपुर प्रथम) को चुनाव लड़ा रहे थे। उनके चुनाव अभियान में जुटे थे लेकिन इसी बीच वह कोरोना की चपेट में आ गए। फिर तो पूरा परिवार चुनाव अभियान छोड़ कर तेजू सिंह की जिंदगी बचाने की जद्दोजहद में जुट गया।
इधर समाजवादी पार्टी कार्यालय समता भवन में हुई शोक सभा में पार्टी के पूर्व सांसद माननीय राधे मोहन सिंह जी के बड़े भाई तेज बहादुर सिंह के असमय निधन पर शोक व्यक्त किया गया।
जिलाध्यक्ष रामधारी यादव ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए तेजबहादुर सिंह को पूर्वांचल की शान बताया। कहा कि उन्होंने हॉकी के क्षेत्र में एक ऐसा मैदान तैयार किया, जिसमें जनपद के तमाम नौजवानों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फलक पर अपना परचम फहराने का मौका मिला। उनका यह योगदान गाजीपुर कभी नहीं भूल पाएगा। उनके निधन से खेल ही नहीं बल्कि राजनीतिक क्षेत्र की भी बड़ी क्षति हुई।
शोक सभा में मुख्य रूप से जिला मीडिया प्रभारी अरुण कुमार श्रीवास्तव, रामाशीष यादव, निजामुद्दीन खां, अशोक बिंद, कन्हैया लाल विश्वकर्मा, राम नगीना यादव, द्वारिका यादव, दिनेश यादव, अनिल यादव आदि थे।