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गंगा घाटों पर दूसरे दिन भी पहुंचे डीएम, अंत्येष्टि की लकड़ी का तय किए भाव

गाजीपुर। इस महामारी में श्मशान घाटों पर मुनाफाखोरी की शिकायतों को लेकर डीएम एमपी सिंह काफी सख्त हो गए हैं। उन्होंने साफ कहा है कि अंत्येष्टि में इस्तेमाल होने वाली लकड़ी श्मशान घाट पर साढ़े 600 रुपये प्रति कुंतल से अधिक नहीं बिकेगी और न डोमराज प्रति शव 500 रुपये से अधिक वसूलेंगे। उन्होंने कहा है कि हर श्मशान घाट पर बकायदा बैनर लगाकर यह दर प्रदर्शित की जाए।

मालूम हो कि श्मशान घाटों पर लकड़ी 2800 रुपये कुंतल तक बिकने लगी थी। तब हैरानी नहीं कि गरीब परिवार के लोगों ने शवदाह के बजाए शवप्रवाह शुरू कर दिया। इसके चलते गंगा के किनारों पर उतराए शवों के ढेर लगने शुरू हो गए। इसको लेकर शासन-प्रशासन की किरकिरी शुरू हो गई। प्रशासन हरकत में आ गया। शवों को निकलवा कर गंगा किनारे ही उन्हें दफनवाया गया।

डीएम एमपी सिंह एसपी डॉ.ओपी सिंह संग गुरुवार को भी निकले। चोचकपुर घाट, चंदौली पीपा पुल, बड़सरा-जमानियां पुल, कंकड़वा घाट जमानियां, नरवा घाट गहमर, रोईनी घाट बारा, कर्मनासा पुल एवं वीर अव्दुल हमीद पुल के घाटों का स्थलीय निरीक्षण किए। कंकड़वा घाट जमानियां में शवदाह के लिए उपस्थित लोगों से लकड़ी की कीमत अधिक वसूलने की मिली शिकायत पर डीएम ने चेताया कि ऐसी शिकायतों पर एफआईआर दर्ज कर संबंधित को जेल भेजा जाएगा। बताए कि इसकी शिकायत पुलिस हेल्प नंबर 112 व इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर टेलीफोन नंबर 0548-2226100, 2226101 से 2226114 तक पर की जा सकती है। इसके अलावा नगरीय क्षेत्र की शिकायत प्रशिक्षु आईएएस पवन कुमार मीना (9462581929) तथा ग्रामीण क्षेत्रों की शिकायत डीपीआरओ रमेश उपाध्याय के नंबर 9415257506 पर भी हो सकती है। डीएम ने बताया कि गरीब परिवार के कोरोना से मृत सदस्य की अंत्येष्टि के लिए सरकार की ओर से पांच हजार रुपये तत्काल दिए जाएंगे। उन्होंने आदेशित किया कि यह जानकारी भी श्मशानघाटों पर प्रदर्शित की जाए। डीएम ने यह भी बताया कि घर से श्मशान घाट तक शव लाने के लिए वाहन भी उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए संबंधित परिवार को कंट्रोल रूम को फोन करना होगा।

जमानियां में भी उतराए मिले छह शव

जमानियां के दैत्रावीर मंदिर के पास गुरुवार को गंगा किनारे छह शव उतराए मिले। मौके पर पहुंचे राजस्व और पुलिस अधिकारियों ने उन शवों को निकलवाकर दफन कराया। हालांकि डीएम के आदेश पर गंगा घाटों पर कड़ी निगरानी हो रही है। मालूम हो कि गाजीपुर में गंगा में अंत्येष्टि के लिए आजमगढ़, मऊ, जौनपुर जिले के सीमावर्ती इलाके सहित उधर बिहार के कैमूर, रोहतास तक के शव लाए जाते हैं।

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